चुनते हैं सीमावती गांव
चितलवाना तहसील के सीमावर्ती गांवों में अधिकतर बड़े काश्तकार हैं। जिसके पास जमीन ज्यादा है। इसके साथ में अधिकतर भूमिधारी अन्य राज्यों व बाहर रहने से जमीन खाली ही पड़ी है। जमीन को देखकर कपनी से सांठगाठ करके फर्जीवाड़ा कर करोड़ों का बीमा उठा लेते हैं। मेरे व मेरी पत्नी चेतनादेवी व मेरे माता जीवादेवी के नाम से हमने न तो बंटाईदार में खेत दिया है और ना ही कोई बीमा करवाया गया है। जो फसल बीमा करवाया गया वो फर्जी है।
- नरेशकुमार, काश्तकार, खेजडियाली
- चमनलाल चौधरी, तहसीलदार चितलवाना
- भूपेंद्र सिंह, संयुक्त निदेशक कृषि विभाग सांचौर
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