खरीफ फसल पकने के वक्त बैमोसम बारिश से फसलों में खराबा हुआ था, जिसके बाद फसल खराबे की बीमा कम्पनी के हेल्प लाइन पर शिकायत दर्ज करवाई। उसी के आधार पर बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि सांवरमल बैरवा ने किसान के खेत में खराब फसल का सर्वे किया गया। खराबा सर्वे रिपोर्ट के प्रपत्र पर खराबा रिपोर्ट दर्ज करने के बाद बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि, कृषि पर्यवेक्षक व काश्तकार के हस्ताक्षर हुए थे। इस प्रक्रिया के बाद काश्तकार के बीमा क्लेम नहीं आया तो उसने प्रशासन और बीमा कंपनी को अवगत करवाया। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर सूचना के अधिकार के तहत जो रिपोर्ट मिली, उसमें कई परतें खुली। सर्वे फार्म की प्रतिलिपि में सर्वे स्टाफ को बदल दिया गया। कम्पनी ने सर्वे प्रतिनिधि महावीर सिंह के रूप में मौजूदगी बताई, जबकि सर्वे के दौरान यह नहीं आया था। काश्तकार रिड़मलराम के खेत में सर्वे करने के लिए सांवरमल बैरवा आया था।