वहीं दूसरी ओर विधायक जीवाराम चौधरी ने कहा कि सरकार द्वारा लिया गया फैसला कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है। जिसमें रानीवाड़ा, भीनमाल और बागोड़ा के लोगों द्वारा लगातार विरोध करने की वजह से राज्य सरकार द्वारा यह निर्णय लिया है। ऐसे में अकेले सांचौर क्षेत्र की वजह से जिला बनना संभव नहीं था।
सोमवार से महापड़ाव डालेंगे
ऐसी परिस्थिति में कमेटी ने जो रिपोर्ट सौंपी उसके आधार पर निर्णय हुआ है। राजस्थान सरकार के इस निर्णय को लेकर लोगों में भी नाराजगी दिखाई दे रही है। सोशल मीडिया पर लोग सरकार के प्रति नाराजगी जता रहे है। जिला यथावत रखने की मांग को लेकर रविवार एक बजे कलेक्ट्रेट मुख्यालय सांचौर के आगे पूर्व सुखराम बिश्नोई ने सम्मेलन बुलाया तथा सोमवार से महापड़ाव डालेंगे। जन अभाव अभियोग निराकरण समिति के पूर्व अध्यक्ष पुखराज पाराशर ने बताया कि प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा गहलोत सरकार के समय जनहित में बनाए 9 जिलों व 3 संभागों को समाप्त करने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण और जनता के हितों पर सीधा प्रहार है। यह निर्णय न केवल प्रशासनिक व्यवस्था को कमजोर करता है बल्कि जनता की उम्मीदों के साथ कुठाराघात है।
बहुत जरूरी था सांचौर को जिला बनाया जाना
खासतौर पर सांचौर की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि इसे जिला बनाया जाना न केवल जरूरी था, बल्कि क्षेत्र की जनता की वर्षों पुरानी मांग थी। सांचौर का बड़ा क्षेत्रफल, दूर दराज के गांवों की समस्याएं और अन्य क्षेत्रीय मुद्दे इसे जिला बनाए जाने की प्राथमिकता में रखते हैं। अच्छा होता और नए जिले घोषित होते, जिसमे भीनमाल भी होता। कांग्रेस पार्टी इस लड़ाई को हर मंच पर मजबूती से लड़ेगी। जनता भाजपा को सबक सिखाएगी। जनता एहसास करवाएगी कि जनविरोधी नीतियां कभी सफल नहीं हो सकती है।
इनका कहना…. राज्य सरकार द्वारा सांचौर को जिला निरस्त करने का निर्णय गलत है। हम उसका विरोध करते हैं। सांचौर के अंतिम गांव की जालोर मुख्यालय से ढाई सौ किलोमीटर की दूरी है। आने वाले समय में जनता भाजपा को जरूर जबाब देगी।
- सुखराम बिश्नोई, पूर्व मंत्री राजस्थान सरकार
राज्य सरकार द्वारा कमेटी की बनाई रिपोर्ट पर सांचौर जिला निरस्त करने का निर्णय लिया है। क्योंकि रानीवाड़ा, बागोड़ा और भीनमाल लगातार विरोध कर रहे थे। ऐसे में सरकार के पास जिला निरस्त करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
- जीवाराम चौधरी विधायक सांचौर