नदी में बह रही नालों की गंदगी
कस्बे के चांदप्रोल, पुरोहितों की गली, सामलसागर तालाब के पास से एक नाला निर्माण करवाया गया है। यह नाला वार्ड संख्या एक होते हुए मदरसे के पास खुला हुआ है। नाले से गंदगी, कचरा, मलबा आदि बहकर तोलाबेरा नदी में जा रहा है। नदी पूरी तरह से गंदगी से सनी पड़ी है। बारिश के दौरान साफ पानी भी नदी में मिलकर दूषित हो जाता है, जिसे रोकने को लेकर कोई कवायद देखने को नहीं मिल रही है।
जमीन हो रही बेकार
कस्बे में स्थित इस नदी का पानी पूर्व में लोग पीने के उपयोग में लेते थे, लेकिन अब हालात यह है कि दुर्गंध व गंदगी के कारण यहां पास खड़े होना भी मुश्किल हो गया है। इसके अलावा नदी का पानी कस्बे के उत्तर-पूर्व दिशा में स्थित खेतों में जमा हो जाता है। जिससे उस जमीन का उपजाऊपन भी खत्म हो रहा है।
उग आई झाडिय़ां, पुल क्षतिग्रस्त
तोलाबेरा नदी के जल बहाव क्षेत्रों में घनी बबूल की झाडिय़ां लग गई है। जिसके कारण गंदगी बढ़ रही है। झाडिय़ों के कारण यहां कचरा भी जमा हो रहा है। साथ ही मच्छरों की तादाद बढऩे से आसपास निवास कर रहे लोगों को परेशानी हो रही है। इसके अलावा बीमारियां फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। इसी प्रकार इस वर्ष सीजन में हुई अतिवृष्टि के कारण तोलाबेरा नदी का पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया है। जिसके कारण हादसे की आशंका बनी हुई है।
घनी आबादी, यात्रियों का आवागमन
कस्बे में गुजरने वाली तोलाबेरा नदी के आसपास घनी आबादी निवास करती है। साथ ही यहां गुरुद्वारा भी स्थित है। यहां दिन-रात श्रद्धालुओं का आवागमन लगा रहता है। घनी आबादी के चलते बड़ी संख्या में लोग यहां निवास करते है। इसके अलावा मुख्य रेलवे स्टेशन रोड भी नदी के ऊपर से गुजरती है। इन यात्रियों को भी दुर्गंध व गंदगी के कारण आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।