जैसलमेर

म्याजलार क्षेत्र में मिले छह बम डेढ़ महीने बाद किए निष्क्रिय

जैसलमेर जिले के सरहदी म्याजलार क्षेत्र में कीरतसिंह की ढाणी के पास सेना ने छह बमों को सफलतापूर्वक निष्क्रिय किया गया बमों को अलग-अलग गड्ढ़ों में रखकर वायरों से जोड़ा गया और फिर रिमोट के जरिए विस्फोट कर उन्हें डिफ्यूज किया गया।

जैसलमेरSep 14, 2024 / 08:50 pm

Deepak Vyas

जैसलमेर जिले के सरहदी म्याजलार क्षेत्र में कीरतसिंह की ढाणी के पास सेना ने छह बमों को सफलतापूर्वक निष्क्रिय किया गया बमों को अलग-अलग गड्ढ़ों में रखकर वायरों से जोड़ा गया और फिर रिमोट के जरिए विस्फोट कर उन्हें डिफ्यूज किया गया। धमाकों की आवाज दूर-दूर तक गूंजती रही। गौरतलब है कि करीब डेढ़ महीने पहले चरवाहों ने कीरतसिंह की ढाणी के पास बम देखे थे, जिसके बाद प्रशासन ने इलाके में सतर्कता बरतते हुए इन बमों को सुरक्षित किया। सर्च ऑपरेशन के दौरान सेना ने दो जीवित बम, दो एंटी पर्सनल लैंड माइन, एक मोर्टार बम और एक हैंड ग्रेनेड बरामद किए थे। गुरुवार को सेना के बम निरोधक दस्ते ने इन्हें निष्क्रिय कर दिया, जिससे स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली।

हकीकत यह भी: सुरक्षा पर उठते सवाल

जिले में हाल के दिनों में बम मिलने की घटनाओं में तेजी आई है, जो सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। गत 14 मार्च 2024 को जैसलमेर रेलवे स्टेशन के पास एक बमनुमा वस्तु मिलने से हडक़ंप मच गया था। वहीं 10 जुलाई 2024 को सोनार दुर्ग के पास शिव मार्ग पर मिला मोर्टार बम ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया था। इसी क्रम में म्याजलार क्षेत्र में 27 जुलाई को एंटी पर्सनल लैंड माइन, 8 अगस्त को एक हैंड ग्रेनेड और 11 अगस्त को तीन और बम मिले, जिससे इलाके में भय का माहौल बढ़ गया था। इसी तरह गत 12 सितंबर को रामदेवरा जाने वाले पदयात्रियों ने भी एक मोर्टार बम देखा था, जिससे सुरक्षा एजेंसियों में हलचल मच गई थी। बार-बार बम मिलने की घटनाएं प्रशासन के लिए चिंता का कारण बन गई हैं और अब इन क्षेत्रों में सुरक्षा को और अधिक सख्त करने की मांग की जा रही है।

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