scriptगड़ीसर झील के संरक्षण के मामले में अगली सुनवाई 15 को | Next hearing in case of conservation of Gadisar lake on 15th | Patrika News
जैसलमेर

गड़ीसर झील के संरक्षण के मामले में अगली सुनवाई 15 को

राजस्थान हाईकोर्ट में जैसलमेर शहर में ऐतिहासिक गड़ीसर झील के संरक्षण के लिए दायर जनहित याचिका सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने प्रदेश में झीलों के संरक्षण के लिए किए गए प्रयासों का ब्योरा देने की बात कही, जिस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई 15 जनवरी को मुकर्रर की है।

जैसलमेरDec 19, 2020 / 06:36 pm

Deepak Vyas

गड़ीसर झील के संरक्षण के मामले में अगली सुनवाई 15 को

गड़ीसर झील के संरक्षण के मामले में अगली सुनवाई 15 को

जैसलमेर . राजस्थान हाईकोर्ट में जैसलमेर शहर में ऐतिहासिक गड़ीसर झील के संरक्षण के लिए दायर जनहित याचिका सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने प्रदेश में झीलों के संरक्षण के लिए किए गए प्रयासों का ब्योरा देने की बात कही, जिस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई 15 जनवरी को मुकर्रर की है।
वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ ने पिछली सुनवाई पर सरकार को झील संरक्षण और विकास प्राधिकरण द्वारा झीलों के संरक्षण के लिए किए गए प्रयासों का ब्योरा देने को कहा था। अतिरिक्त महाधिवक्ता सुनील बेनीवाल ने कहा कि ब्योरा पेश किया जा रहा है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मानस रणछोड़ खत्री ने कहा कि राजस्थान झील विकास प्राधिकरण को राजस्थान झील संरक्षण और विकास प्राधिकरण अधिनियम 2015 के अनुसार गड़ीसर झील के संरक्षण के लिए कदम उठाने का अधिकार दिया गया है। नगर परिषद जैसलमेर बिना प्राधिकरण की अनुमति के विशेषज्ञ निकाय नहीं है। इसलिए वह मनमाने तरीके से संरक्षित क्षेत्र में वॉकिंग ट्रैक या रोड नहीं बना सकता है। उन्होंने कहा कि गड़ीसर प्रमुख पर्यटन स्थल है। सरोवर मित्र समिति के अध्यक्ष बालकृष्ण जोशी ने एक अतिरिक्त शपथ पत्र पेश करते हुए कोर्ट को बताया कि राष्ट्रीय झील संरक्षण योजना के परियोजना निदेशक ने वर्ष 2010 में सामाजिक सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व की झील के रूप में विकसित करने के लिए गड़ीसर का दौरा किया था। आईआईटी रुड़की की मदद से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की गई, लेकिन उसके बाद गड़ीसर झील के संरक्षण के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। याचिकाकर्ता ने आरटीआई के तहत जानकारी प्राप्त की, जिसमें यह पता चला कि परियोजना निदेशक राष्ट्रीय झील संरक्षण योजना ने राजस्थान झील विकास प्राधिकरण को 11 झीलों की फाइलें और डीपीआर स्थानांतरित कर दी, जिसमें दयालब तालाब बांसवाड़ा, गैप सागर डूंगरपुर, राजसमंद झील राजसमंद, कायलाना जोधपुर, गड़ीसर जैसलमेर, जैत सागर बूंदी, गुंडोलाव तालाब, किशनगढ़, सांभर वेटलैंड, उदय सागर और गोवर्धन सागर उदयपुर की योजना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि फाइलें स्थानांतरित होने के बाद गड़ीसर झील के संरक्षण के लिए प्राधिकरण या सरकार ने कोई ठोस काम नहीं किया।
52 करोड़ के कार्य प्रस्तावित
दूसरी तरफ जैसलमेर नगरपरिषद की ओर से ऐतिहासिक गड़ीसर सरोवर के सुदृढ़ीकरणए सौन्दर्यकरण और सैलानियों के लिए सुविधाओं के विकास आदि पर 52 करोड़ 3 लाख रुपए खर्च किए जाने का प्रस्ताव लिया जा चुका है। परिषद की पिछली आम बैठक में इस निर्णय को ध्वनिमत से पारित किया गया। जानकारी के अनुसार इसके तहत गड़ीसर की पाल को मजबूत बनाया जाएगा। साथ ही अन्य कार्य करवाए जाने हैं।
14वीं सदी में हुआ निर्माण
जैसलमेर जैसे रेतीले शहर में इस सरोवर का निर्माण 14वीं शताब्दी में महारावल गड़सी ने करवाया था। वर्ष 1970 से पहले तक यह सरोवर शहरवासियों के लिए पेयजल का प्रमुख स्रोत रहा है। शहर आने वाला प्रत्येक सैलानी यहां घूमने जरूर पहुंचता है। बीते वर्षों के दौरान सरोवर में नौकायन भी शुरू किया जा चुका है।
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