27 दिसम्बर को शुरू हुई थी जॉय राइड
गौरतलब है कि गत वर्ष 27 दिसम्बर को राजस्थान पर्यटन विकास निगम की ओर से एवन कम्पनी के जरिए सम ढाणी से जॉय राइड की सेवा शुरू की गई थी। तब इसका किराया प्रतियात्री 7 हजार रुपए रखा गया था। प्रतिदिन अधिकतम 40 उड़ानों के माध्यम से लगभग 200 पर्यटकों को जॉय राइड सेवा मुहैया करवाने की बात कही गई थी। सेवा शुरू होने के कुछ दिनों में ही हेलीकॉप्टर के उड़ान भरने का स्थान राष्ट्रीय मरु उद्यान (डीएनपी) में आने पर डीएनपी की ओर से आपत्ति उठाई गई। कहा गया कि हेलीकॉप्टर के उडऩे से इलाके में गोडावण जैसे दुलर्भ जीवों को खतरा हो सकता है। कहा गया कि अन्य वन्यप्राणियों के जीवन में भी उथल-पुथल आ सकती है। इसके बाद शुरू होने के कुछ दिनों बाद ही जॉय राइड की सेवा 5 जनवरी को बंद कर दी गई।
सैलानियों का पसंदीदा सम सेंड ड्यून्सजैसलमेर भ्रमण पर आने वाले लाखों सैलानियों के लिए सम के धोरों का नजारा करना आकर्षण की सूची में सबसे ऊपर आता है। ऐसे में हेलीकॉप्टर से भ्रमण की सुविधा मिलने से कई सैलानियों के लिए आकर्षण का अतिरिक्त कारण बनने की उम्मीद है। सम क्षेत्र सहित जैसलमेर के पर्यटन व्यवासियों में भी हेलीकॉप्टर सेवा शुरू होने की संभावनाओं के चलते खुशी का वातावरण है। हेलीकॉप्टर से सम के धोरे और उन पर बने रिसोट्र्स को देखने का अनुभव सैलानियों के लिए एकदम नया होता है। साथ ही अनेक सैलानियों के साथ स्थानीय लोगों को भी हेलीकॉप्टर की सैर करने का इससे अनुभव मिल सकता है।