गौरतलब है कि यूनिवर्सिटी में 30 से अधिक पदों पर शिक्षकों को अधिकारी बना रखा है। शिक्षकों को ऑफिस से लेकर स्टॉफ, चौकीदार और अन्य सुविधाएं भी दी जा रही हैं। प्रशासनिक कार्यों में वयस्तता के चलते कक्षाओं से दूरी बनाई जा रही है।
सप्ताह में 14 घंटे कक्षा लेना जरूरी, शोध भी प्रभावित
राजस्थान विश्वविद्यालय में प्रोफेसर को सप्ताह में 14 घंटे कक्षा लेना जरूरी होता है। वहीं, असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए 16 घंटे का समय तय कर रखा है, लेकिन प्रशासनिक पद मिलने के बाद शिक्षक कक्षाओं में समय नहीं दे पा रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर शोध कार्य प्रभावित हो रहे हैं। शोध छात्रों को करीब 200 घंटे शिक्षकों के सुपरविजन में काम करना जरूरी होता है। ऐसे में शिक्षक शोधार्थियों को समय नहीं दे पाते।
शिक्षकों का मूल कार्य अध्यापन का है। इसके अतिरिक्त अगर शिक्षक जिम्मेदारी निभा रहे हैं तो अध्यापन को प्राथमिकता पर रखना चाहिए। इसके लिए शिक्षकों को निर्देश जारी किए गए हैं।
– अल्पना कटेजा, कुलपति राजस्थान विश्वविद्यालय