यह फेस्टिवल रात 8:30 बजे से रात 12:00 बजे तक चलेगा। फेस्टिवल में नाइट टूरिज्म का विशेष आकर्षण देखने को मिलेगा। वही बड़ी चौपड़ से लेकर जलेब चौक और ख्वासजी के रास्ते तक का क्षेत्र रंग बिरंगी रोशनी से सजाया गया है।
लोक गीत, संगीत खानपान और मनोरंजन
विभाग के अफसरों का कहना है कि फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य देशी-विदेशी पर्यटकों सहित जयपुर वासियों में विरासत के प्रति चेतना और उनके संरक्षण के लिए सभी को प्रेरित करना है। हवामहल फेस्टिवल के दौरान लोक गीत, संगीत खानपान और मनोरंजन के साधन भी उपलब्ध होंगे। इस फेस्टिवल में बड़ी चौपड़ से लेकर जलेब चौक तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन दुकानों के आसपास खाली स्थानों पर किया जाएगा।
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सैलानियों के लिए कढ़ाई का दूध
फेस्टिवल के दौरान सैलानी खरीदारी भी कर सकेंगे, जिसमें जयपुरी रजाईयां, मोजडी, राजस्थान के परम्परागत लहंगा, चोली, बंधेज के कपडे, साफा इत्यादि शामिल हैं वहीं लोक कलाकारों की प्रस्तुतियों को देखते हुए जयपुर व राजस्थान के पारंपरिक खानपान का स्वाद भी ले सकेंगे। जयपुर का कढ़ाई का दूध और चरी व साईकिल पर चाय बेचने वाले दूध और चाय के शौकिन लोगों के लिए उपलब्ध होंगे। इस दौरान वाहनों की आवाजाही पूर्णतः बंद रहेंगी, पैदल ही इस फेस्टिवल का आनंद लिया जा सकेगा।