न आए कोई अवरोध….इसलिए चुना राजनाथ को ?
पार्टी में यूं तो पर्यवेक्षक नियुक्त करना सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन राजनाथ को राजस्थान देने के अपने मायने हैं। राजस्थान में पार्टी के लिए मुख्यमंत्री चयन प्रक्रिया सबसे टेढ़ी खीर बना हुआ है। राजनाथ सिंह को राजनीति का लम्बा अनुभव है और दो बार पार्टी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इतने वरिष्ठ नेता को इसलिए कमान दी गई है, जिससे यहां किसी तरह का गतिरोध होगा तो वे उसे संभालने में कामयाब रहेंगे। विनोद तावड़े महाराष्ट्र से हैं और पिछले कुछ समय से पार्टी की बैठकों के चलते राजस्थान आते रहे हैं। सरोज पांडेय महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी की महासचिव भी रह चुकी हैं। पांडेय मूल रूप से छत्तीसगढ़ की रहने वाली हैं।
पार्टी में यूं तो पर्यवेक्षक नियुक्त करना सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन राजनाथ को राजस्थान देने के अपने मायने हैं। राजस्थान में पार्टी के लिए मुख्यमंत्री चयन प्रक्रिया सबसे टेढ़ी खीर बना हुआ है। राजनाथ सिंह को राजनीति का लम्बा अनुभव है और दो बार पार्टी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इतने वरिष्ठ नेता को इसलिए कमान दी गई है, जिससे यहां किसी तरह का गतिरोध होगा तो वे उसे संभालने में कामयाब रहेंगे। विनोद तावड़े महाराष्ट्र से हैं और पिछले कुछ समय से पार्टी की बैठकों के चलते राजस्थान आते रहे हैं। सरोज पांडेय महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी की महासचिव भी रह चुकी हैं। पांडेय मूल रूप से छत्तीसगढ़ की रहने वाली हैं।
विधायक दल की बैठक नाम पर ली जाएगी राय
सूत्रों के अनुसार किसी तरह का कोई गतिरोध नहीं रहा तो राजनाथ सिंह विधायक दल की बैठक में विधायकों से रायशुमारी करेंगे। विधायकों की राय से आलाकमान को अवगत करवाएंगे और फिर मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा कर देंगे। विधायकों की बैठक रविवार दोपहर बाद या फिर सोमवार सुबह हो सकती है।
सूत्रों के अनुसार किसी तरह का कोई गतिरोध नहीं रहा तो राजनाथ सिंह विधायक दल की बैठक में विधायकों से रायशुमारी करेंगे। विधायकों की राय से आलाकमान को अवगत करवाएंगे और फिर मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा कर देंगे। विधायकों की बैठक रविवार दोपहर बाद या फिर सोमवार सुबह हो सकती है।
जयपुर से लेकर दिल्ली तक दबाव की राजनीति भाजपा में जयपुर से लेकर दिल्ली तक प्रेशर पॉलिटिक्स कायम है। राजस्थान के सांसदों की भी राज्य में पुराना नेतृत्व दोहराने के खिलाफ गोलबंदी कायम है। उन्होंने प्रेशर पॉलिटिक्स को लेकर केन्द्रीय नेतृत्व से शिकायत की है। उनका आरोप है कि पार्टी के कुछ विधायकों पर नेतृत्व स्वीकारने का दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि इन आरोपों पर अब तक कोई सफाई नहीं दी गई है, अर्थात इसमें सत्यता है।
चेहरा घोषित नहीं होने से बढ़े सीएम के दावेदार
आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए और मौजूद हालात में भाजपा शीर्ष नेतृत्व के लिए तीनों राज्यों में सबसे कठिन राजस्थान का निर्णय बन गया है। इसलिए तीन राज्यों के पर्यवेक्षकों की नियु क्ति में राजस्थान की कमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सौंपी गई है। सीएम के लिए किसी को चेहरा घो?षित नहीं किया गया था। इसलिए मुख्यमंत्री फेस की रेस में पहली बार करीब 8 से 10 बड़े नेताओं के नामों की चर्चा है। कुछ सांसदों का कहना है कि इतने नाम होने के कारण भी नाम घो षित होने में देरी का बड़ा कारण है।
आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए और मौजूद हालात में भाजपा शीर्ष नेतृत्व के लिए तीनों राज्यों में सबसे कठिन राजस्थान का निर्णय बन गया है। इसलिए तीन राज्यों के पर्यवेक्षकों की नियु क्ति में राजस्थान की कमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सौंपी गई है। सीएम के लिए किसी को चेहरा घो?षित नहीं किया गया था। इसलिए मुख्यमंत्री फेस की रेस में पहली बार करीब 8 से 10 बड़े नेताओं के नामों की चर्चा है। कुछ सांसदों का कहना है कि इतने नाम होने के कारण भी नाम घो षित होने में देरी का बड़ा कारण है।