जयपुर

Video: अरे केसरिया बालम…आप पर्यटन ही नहीं स्वादों की नगरी में भी हैं….यहां का जायका नहीं लिया तो आना बेकार है…

चूरमा-दाल-बाटी तो अपनी महक की छाप छोड़े हुए है ही, लेकिन यहां के शहरों के अलग-अलग जायके भी दुनिया में काफी लोकप्रिय है…

जयपुरNov 02, 2017 / 04:21 pm

dinesh

Famous Food of Rajasthan: आपने एेसा राजस्थान तो देखा होगा जो अपनी आन-बान-शान के लिए जाना जाता है…आपने वो रंगीलो राजस्थान भी देखा होगा, जो अपनी कला, संस्कृति और अनूठे पहनावों के लिए परसिद्ध है….आपने वो राजस्थान भी घूमा होगा, जो शौर्य-बलिदान, किलों-महलों की पर्यटन की खूबसूरती और धोरों की रोमांचकता के लिए फेमस है। लेकिन समूचा राजस्थान अपने न केवल अपने आतिथ्य के लिए, बल्कि अपने स्वाद के लिए भी दुनियाभर में पूरे भारत की सबसे स्वादिष्ट नगरी मानी जाती है। चूरमा-दाल-बाटी तो अपनी महक की छाप छोड़े हुए है ही, लेकिन यहां के शहरों के अलग-अलग जायके भी दुनिया में काफी लोकप्रिय है। राजस्थान के शहर जितने अनूठे हैं उतना ही अनूठा है इन शहरों का जयका…
कोटा कचौरी——————–रोजाना 4 लाख से ज्यादा कचौरी खा जाते हैं लोग
पूरा देश भले ही पिज्जा और बर्गर का दीवाना हो, लेकिन कोटा के लोगों की जुबान पर कोटा कचौरी का जायका ही छाया हुआ है। उदड़ की दाल से बनने वाली इस खास कचौरी के जायके का सफर रियासतकाल में शुरु हुआ जो आधुनिकता की निशानी समझे जाने वाले खाने-पीने पर भी भारी पड़ गया। इसका अंदाज इसी बात से लगा सकते हैं कि कोटा में 350 से ज्यादा दुकानों और करीब इतने ही ठेलों पर हर रोज चार लाख से ज्यादा कचौरियां बिकती हैं। जिन्हें लोग बड़े चाव से खाते हैं।
Kota Kachori
जोधपुर में लगाए जाते हैं गुलाबजामुन, रसमलाई और चक्की की सब्जी के चटकारे….

रजवाड़ी शानो शौकत, शौर्य पराक्रम के लिए पहचाना जाने वाला राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर सूर्यनगरी यानी जोधपुर भी अपने स्वाद के लिए एक अनोखी पहचान रखता है। मेहरानगढ़, उम्मेद भवन पैलेस, छीतर पत्थर, हैंडीक्राफ्ट आइटम्स, बंधेज और मीठी बोली के साथ ही ये शहर अनूठे खान पान के लिए भी जाना जाता है। जोधपुर में देशी घी प्रमुखता से खाया जाता है और उतनी ही प्रमुखता से खाई जाती हैं यहां की मिठाइयां। लेकिन आपने कभी मिठाईयों की सब्जी के बारें में नहीं सुना होगा। ये सुनने में जितना अजीब है, उतना ही इसका स्वाद बेमिसाल है। जी हां… यहां मुख्य रूप से चक्की, गुलाबजामुन और रसमलाई की सब्जी बड़े चाव से खाई जाती है और उससे भी ज्यादा मनुहार के साथ खिलाई भी जाती है।
Mithai Vegetable
अलवर का मिल्क केक ————–ये अनूठा केक खाकर नहीं लग पाते मुंह पर ब्रेक
जितना अनूठा अलवर का नैसर्गिक सौंदर्य है, उतना ही अनूठा है अलवर का मिल्क केक। आम बोलचाल में कलाकंद के नाम से प्रचलित मिल्क केक दूध से बनी एक ऐसी मिठाई है जिसका नाम सुनकर ही मुंह में पानी आ जाता है। बेहद सामान्य सामग्री और सामान्य प्रक्रिया से बनने वाली इस मिठाई के मुरीद देश ही नहीं बल्कि विदेशों में है। इस मिठाई ने देश दुनिया में अलवर के नाम को एक नया आयाम भी दिया है। आज मिल्क केक का नाम आते ही सबसे पहले अलवर का नाम आता है। आज यह अलवर की पहचान बन गया है।
Milk Cake
जयपुर का मिश्री मावा और रबड़ी घेवर————इनके स्वाद के दीवाने हैं देश-विदेश के सैलानी भी
जयपुर अपने स्वादिष्ट, मसालेदार और चटपटे भोजन के लिए काफी विख्यात है। जयपुर में होकर अगर जयपुरी गट्टा और घेवर नहीं खाया तो बेकार है। जयपुर के गट्टे की सब्जी पूरी के साथ एक बार तो जरूर खाएं। इसके अलावा दाल बाटी-चूरमा भी यहां की शान है। खानें के शौकीनों के लिए नेहरू बाजार और जौहरी बाजार सबसे अच्छी जगह है। अगर आप मिठाईयों के शौकीन हैं तो यहां के बने रबड़ी-पनीर के घेवर का एक पीस जरूर चखें। जयपुर का मिश्री मावा पूरी दुनिया में काफी लोकप्रिय हैं।
Mishrimava
नसीराबाद का कचौरा———–कचौरियों से दिल भर जाए तो कचौरा पल भर में बढ़ा देगा आपका जायका
कचौरी तो सब जगह मिल जाती है कहीं मावे की, कहीं प्याज की तो कहीं हींग की, लेकिन क्या कभी किसी कचौरे के बारे में सुना है। अगर अजमेर के नसीराबाद शहर के जायके की बात की जाए तो यहां कचौरी नहीं कचौरा बनाया जाता है। जी हां कचौरा। जो बेहद ही बड़े आकार का होता है और उसमें कई तरह की चटनियां डाली जाती है। एक बार उसे खा लिया जाए तो उसका स्वाद कभी नहीं भूला जा सकता।
nasirabad ka kachora
बीकानेर के रसगुल्ले और भुजिया—————-मन और रिश्तों में मिठास भर देते हैं बीकानेरी रसगुल्ले
बीकानेर शहर के अगर जायके की बात की जाए तो वो दुनिया में अपने रसगुल्लों, भुजिया और पापड़ के लिए विशेष पहचान रखता है। यहां के बने स्वादिष्ट रसगुल्ले मन को मिठास से भर देने वाले होते हैं। यहां की बीकानेरी भुजिया तो सभी जगह बीकानेरी नमकीन के नाम से मशहूर है।
Bikaner Rasgulla
जोधपुर की मावे की कचौरी और मिर्ची वड़ा—————चासनी में नहाई कचौरी, आलू ने बढ़ाया मिर्ची वड़े का स्वाद
कचौरी तो सब जगह मिलती है लेकिन जो कचौरी जोधपुर में मिलती है उसकी तो बात ही कुछ अलग है। जोधपुर की मावा कचौरी का स्वाद वाकई अलग हटकर होता है। जोधपुर अपने मावा कचौरी के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। सूखे मेवे और मावे से भरी, करारी तली हुई कचौरी को चासनी से ढक़ा जाता है। जोधपुर का मिर्ची वडा भी अपने स्वाद की छाप छोड़े हुए है। हरी मिर्च में मसालेदार आलू का मिक्सचर भरकर डीप फ्राई किया जाता है। फिर इसे खट्टी-मिठी चटनी के साथ खाया जाता है।
Mawa Kachori
अजमेर की प्रसिद्ध कढ़ी कचौरी———–इसका तीखापन दिलों में रखता है गर्माहट
अजमेर के स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद भी आप कभी नहीं भूल सकते। चाहे वो यहां की कढ़ी कचौरी हो या पानी-पताशी। उनका तीखापन और चटपटा स्वाद वाकई लाजवाब है। यहां कचौरी के साथ दी जाने वाली कढ़ी का उसके साथ जो कॉम्बिनेशन और टेस्ट बनता है, वो कहीं और नहीं है।
Kadhi Kachori
करौली की गजक————-इसकी खूशबू से महकता है शहर ही नहीं पूरे राज्य का समां
भरतपुर के करौली जिले की गजक नहीं खाई तो क्या खाया। गुड़ से बनी स्वादिष्ट ये गजक मुंह में रखते ही घुल जाती है। यहां की गलियों
में गजक की महक पसरे रहती है।
gazak
आमेर की गुजिया और मोटी (कडक़ी) सेव————मोटी है तो क्या हुआ खाने में टेस्टी है….
जयपुर के आमेर में बनी गुजिया और मोटी सेव के क्या कहने। जब भी आमेर जाने का मौका मिले तो यहां की गुजिया और मोटी सेव का स्वाद लेना न भूलें। साथ ही यहां के मावे के पेडे भी काफी स्वादिष्ट होते है।
gujiya
सांभर की फीणी————मुलायम तारों के गुच्छे सी मुंह में घुलती जाती है….

एक ऐसी मिठाई जो केवल राजस्थान में ही बनाई जाती है जिसका नाम है ‘फीणी‘। मुलायम तारों के गुच्छे जैसी दिखने वाली ये ‘फीणी‘ खाने में बड़ी ही स्वादिष्ट होती है। सांभर जिले की ‘फीणी‘ पूरी दुनिया में महत्व रखती है।
fani
भुसावर के आचार——————-विदेशी मेम को इसका एेसा लगा स्वाद कि वो इसकी दीवानी हो गई
भरतपुर की भुसावर तहसील में भले ही छोटी हो लेकिन यहां का स्वाद विदेशों तक में लोकप्रिय है। भुसावर अपने आचार के लिए फेमस है। यहां बने आचार का चटकारा खाने के स्वाद को और बढ़ा देता है।
Busawar ka achaar
सवाईमाधोपुर के अमरूद————-इतना मीठा है ये फल कि पेड़ा भी शरमा जाए
सवाईमाधोपुर के अमरूदों का भी जवाब नहीं। सवाईमाधोपुर के ‘पेडे‘ के नाम से मशहूर ये अमरूद खाने में काफी मिठे होते हैं। इसलिए लोग इन्हें पेडे के नाम से भी जानते हैं।

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