खुद सरकारी नौकरी करने वाले टोंक के अलीगढ़ निवासी हनुमान ने टोंक व सवाई माधोपुर में नौकरी लगाने की ‘दुकान’ खोल रखी थी। उसने हर भर्ती की रेट तय कर रखी थी। जिस नौकरी में जितनी कमाई, उतनी ही उसकी फीस उसके पास हर परीक्षा पास करने वाले डमी कैडिडेट उपलब्ध थे। उपनिरीक्षक के लिए 15 लाख तो जेवीवीएनएल में हैल्पर के लिए वह 3 लाख रुपए लेता था । पटवारी के लिए नौ लाख रुपए तय कर रखे थे। इसी तरह ग्राम विकास अधिकारी और संगणक के नौ लाख रुपए, वन रक्षक (फोरेस्टर) के 7 लाख रुपए व लैब असिस्टेंट के 7 लाख रुपए तय कर रखे थे। यह डमी जालोर से लेकर आता था।