दूसरी तरफ, सप्ताह भर में मुख्य उत्पादक राज्य महाराष्ट्र की लासलगांव मंडी में प्याज के दाम 800 से 2800 रुपए से घटकर 600 से 2200 रुपए और दिल्ली की आजादपुर मंडी में भाव 700 से 2700 रुपए से घटकर 625 से 2250 रुपए प्रति क्विंटल पर आ चुके हैं। शर्मा ने बताया कि खरीफ वाला नया प्याज मंडियों में आने के कारण व्यापारियों में पुराना प्याज निकालने का दबाव बना हुआ, जिसके कारण आने वाले दिनों में प्याज के दाम और घट सकते है। हल्की गुणवत्ता वाले प्याज की कीमतों में ज्यादा गिरावट आई है। इस समय मंडी में नए प्याज की 15 गाड़ियां आ रही हैं। 40 से अधिक गाड़ियां पुराने प्याज की आ रही हैं।
यह भी पढ़े: खाद्य तेलों के नहीं घट रहे दाम, दिवाली के बाद सावों की जोरदार मांग प्याज की पांच उन्नत किस्म…. प्याज की अर्ली ग्रेनो किस्म
प्याज की अर्ली ग्रेनो किस्म की बुवाई से किसान प्रति हेक्टेयर तक 500 क्विंटल तक पैदावार पा सकते हैं। इसकी फसल 115 से 120 दिनों के अंदर पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म का प्याज हल्का पीला रंग का होता है, इसलिए इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल सलाद के रूप में किया जाता है।
प्याज की अर्ली ग्रेनो किस्म की बुवाई से किसान प्रति हेक्टेयर तक 500 क्विंटल तक पैदावार पा सकते हैं। इसकी फसल 115 से 120 दिनों के अंदर पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म का प्याज हल्का पीला रंग का होता है, इसलिए इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल सलाद के रूप में किया जाता है।
प्याज की पूसा रतनार किस्म
इस किस्म की बुवाई कर किसानों को प्रति हेक्टेयर 400 से 500 क्विंटल पैदावार मिल सकती है। इस किस्म की फसल 125 दिनों में बाजार में बेचने के लिए तैयार हो जाती है। इस किस्म के प्याज का रंग गहरा लाल होता है।
इस किस्म की बुवाई कर किसानों को प्रति हेक्टेयर 400 से 500 क्विंटल पैदावार मिल सकती है। इस किस्म की फसल 125 दिनों में बाजार में बेचने के लिए तैयार हो जाती है। इस किस्म के प्याज का रंग गहरा लाल होता है।
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इस किस्म का प्याज रोपाई के 175 दिनों बाद पककर तैयार हो जाता है। इस किस्म की बुवाई कर किसान प्रति हेक्टेयर 300 क्विंटल तक उत्पादन ले सकते हैं। इसका रंग गहरे लाल और भूरे रंग का होता है, साथ ही इसका स्वाद तीखा नहीं होता है। ऐसे में इसका इस्तेमाल सलाद में करना अच्छा होता है।
इस किस्म का प्याज रोपाई के 175 दिनों बाद पककर तैयार हो जाता है। इस किस्म की बुवाई कर किसान प्रति हेक्टेयर 300 क्विंटल तक उत्पादन ले सकते हैं। इसका रंग गहरे लाल और भूरे रंग का होता है, साथ ही इसका स्वाद तीखा नहीं होता है। ऐसे में इसका इस्तेमाल सलाद में करना अच्छा होता है।
प्याज की पूसा रेड किस्म
लाल रंग के प्याज की इस किस्म से प्रति हेक्टेयर 200 से 300 क्विंटल तक उत्पादन लिया जा सकता है। ये 120 से 125 दिनों में पककर बाजार में जाने के लिए तैयार हो जाता है।
लाल रंग के प्याज की इस किस्म से प्रति हेक्टेयर 200 से 300 क्विंटल तक उत्पादन लिया जा सकता है। ये 120 से 125 दिनों में पककर बाजार में जाने के लिए तैयार हो जाता है।
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इस प्याज की किस्म की फसल रोपाई के 125 से 130 दिनों के अंदर पककर तैयार हो जाती है। वहीं, इससे प्रति हेक्टेयर 350 क्विंटल तक उपज लिया जा सकता है। इसकी सबसे खास बात ये है कि इस किस्म का प्याज उजला नजर आता है।
इस प्याज की किस्म की फसल रोपाई के 125 से 130 दिनों के अंदर पककर तैयार हो जाती है। वहीं, इससे प्रति हेक्टेयर 350 क्विंटल तक उपज लिया जा सकता है। इसकी सबसे खास बात ये है कि इस किस्म का प्याज उजला नजर आता है।