राजधानी में ग्रेटर नगर निगम में रोजाना 1100 टन कचरा निकल रहा है। वहीं हैरिटेज नगर निगम में रोजाना 850 टन कचरा निकल रहा है। इसमें से सिर्फ 450 टन कचरा ही रि-साईकिल और रि-यूज हो पा रहा है। इसमें लांगडियावास में एक आरडीएफ प्लांट लगा रखा है, इस प्लांट की क्षमता 300 मैट्रिक टन कचरा निस्तारण की है। जबकि इससे 200 मैट्रिक टन कचरे का ही निस्तारण हो पा रहा है। वहीं सेवापुरा में कंपोस्ट प्लांट लगा हुआ है, जिससे भी 200 टन कचरे का ही निस्तारण हो पा रहा है। वहीं सेवापुरा में एमआरएफ प्लांट लगा हुआ है, जिससे 50 टन कचरे का निस्तारण हो रहा है।
रि-साईकिल, रि-यूज: परीक्षा हुई कठिन
इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण की थीम रि-साईकिल, रि-यूज, रि-ड्यूज रखी गई है, लेकिन इस पर जयपुर के दोनों नगर निगम खरे नहीं उतर पा रहे है। 1800 मैट्रिक टन कचरे में से सिर्फ 450 टन कचरे का ही निस्तारण हो पा रहा है, जबकि 1400 मैट्रिेक टन कचरे का निस्तारण नहीं होने से कचरे के पहाड़ बनते जा रहे है।
इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण की थीम रि-साईकिल, रि-यूज, रि-ड्यूज रखी गई है, लेकिन इस पर जयपुर के दोनों नगर निगम खरे नहीं उतर पा रहे है। 1800 मैट्रिक टन कचरे में से सिर्फ 450 टन कचरे का ही निस्तारण हो पा रहा है, जबकि 1400 मैट्रिेक टन कचरे का निस्तारण नहीं होने से कचरे के पहाड़ बनते जा रहे है।
रि-ड्यूज के नाम जीरो
रि—ड्यूज के नाम पर शहरी सरकार की तैयारी अभी तक जीरो है। घरों में कचरा कम पैदा हो, इसे लेकर अभी तक कोई काम नहीं हो पाया है। दोनों नगर निगमों ने इस पर कभी फोकस भी नहीं किया है। हालांकि अब दोनों नगर निगमों ने इसे लेकर तैयारी शुरू कर दी है।
रि—ड्यूज के नाम पर शहरी सरकार की तैयारी अभी तक जीरो है। घरों में कचरा कम पैदा हो, इसे लेकर अभी तक कोई काम नहीं हो पाया है। दोनों नगर निगमों ने इस पर कभी फोकस भी नहीं किया है। हालांकि अब दोनों नगर निगमों ने इसे लेकर तैयारी शुरू कर दी है।
ग्रेटर में हुई कार्यशाला
स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 के तहत नगर निगम गे्रटर में संभाग स्तरीय एक दिवसीय प्रषिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें नगरीय निकायों को आगामी सर्वेक्षण के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। पीपीटी के माध्यम से बेहतर परफाॅर्मेस करने के बारे में बताया गया। कार्यशाला में बताया गया कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में जनप्रतिनिधियों और विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों को साथ लेकर आमजन में भी स्वच्छता का संदेश फैलाने पर फोकस किया गया।
स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 के तहत नगर निगम गे्रटर में संभाग स्तरीय एक दिवसीय प्रषिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें नगरीय निकायों को आगामी सर्वेक्षण के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। पीपीटी के माध्यम से बेहतर परफाॅर्मेस करने के बारे में बताया गया। कार्यशाला में बताया गया कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में जनप्रतिनिधियों और विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों को साथ लेकर आमजन में भी स्वच्छता का संदेश फैलाने पर फोकस किया गया।
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अलग-अलग अंक निर्धारितग्रेटर नगर निगम उपायुक्त स्वास्थ्य नवीन भारद्वाज का कहना है कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 के लिए रि-साईकिल, रि-यूज, रि-ड्यूज (आरआरआर) थीम को रखा गया है, जिसमें देश के कुल 4800 शहर भाग लेंगे। स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रत्येक गतिविधी के अलग-अलग अंक निर्धारित किए गए हैं।