लेबर कोर्ट ने 2001 में प्रतिवादी श्रमिक को सेवा में बहाल करने के निर्देश दिए थे लेकिन इस आदेश का पालन नहीं किया गया और राज्य सरकार ने हाई कोर्ट की सिंगल बेंच में अपील कर दी। सिंगल बेंच में सफलता नहीं मिलने पर राजस्थान सरकार ने डबल बेंच में अपील की। वहां भी लेबर कोर्ट का फैसला बरकरार रखते हुए इसकी पालना के निर्देश दिए गए।
यह भी पढ़ें – राजस्थान को मिला बड़ा तोहफा, पर्वतमाला योजना के तहत 12 जिलों में बनेंगे 16 रोप-वे
इस पर राजस्थान सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। शीर्ष कोर्ट ने अपील खारिज करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 2001 में लेबर कोर्ट के आदेश की पालना करने के बजाय राजस्थान सरकार एक गरीब मजदूर को 22 साल तक मुकदमा लड़ने को मजबूर कर परेशान कर रही है। यह पूरी तरह से तुच्छ याचिका है।
यह भी पढ़ें – Photo : जैसलमेर में Vayu Shakti 2024 में वायुसेना के विमानों ने दिखाया कमाल का जौहर, देखें तस्वीरें