उर्वशी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि हम दो बहनें हैं। एक मुझसे छोटी यशस्वी है। मैं आठवीं कक्षा में पढ़ती हूं और छोटी बहन पांचवीं कक्षा में है। उर्वशी शेखावत ने बताया कि उसे अपने पिता की हत्या के बारे में बताया नहीं गया था। इंटरनेट के जरिए उनकी मौत का पता चला। मेरे पिता सुखदेव सिंह गोगामेड़ी मुझे बेटों की तरह प्यार करते थे। मैं भी शुरू से लड़कों की तरह ही रहती हूं। उसने कहा कि लड़कों जैसी वेशभूषा रखती हूं। पापा का प्यार अब नहीं मिलेगा, लेकिन उन्होंने जो सिखाया है, उसे सदैव याद रखेंगे। बड़ी होकर राजनीति में आऊंगी और पिता के सपने को पूरा करूंगी।
यह भी पढ़ें
Sukhdev Singh Gogamedi murder: शूटर ने किया सनसनीखेज खुलासा, बोलाः आकाओं से मिले थे ऐसे निर्देश
उर्वशी कहती है कि उनके पिता धोखे के शिकार हुए हैं। हत्यारों ने धोखे से उनकी हत्या की। उनके अंतिम संस्कार में विभिन्न राज्यों से जो जनसैलाब उमड़ा, उससे हमें पता चला कि हमारे पिता ने धन नहीं जन कमाया था। हजारों की संख्या में उनके समर्थकों के जुटने से यह अहसास होता है कि वे हर वर्ग में अपनी प्रतिष्ठा रखते थे और आन-बान-शान के लिए तमाम उम्र संघर्षरत रहे। उनके जाने की कमी को पूरा नहीं किया जा सकता।