Chiranjeevi Scheme : कांग्रेस सरकार के समय राज्य में शुरू की गई चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के नियम कायदों को बरकरार रखते हुए अब इसे आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के मूल नाम से आगे बढ़ाया जाएगा। पूर्व में केन्द्र और राज्य सरकार के बीच हुए समझौते के तहत योजना के नाम में आयुष्मान और मुख्यमंत्री दोनों शब्द जोड़े गए थे, जिसके तहत केन्द्र से खाद्य सुरक्षा के तहत पंजीकृत परिवारों के लिए बीमा राशि राज्य सरकार को लगातार मिल रही है। सरकार बदली तो अधिकारियों का कहना है कि पूर्व सरकार के समय इस नाम से आयुष्मान भारत हटाकर प्रचारित करना शुरू कर दिया गया था, जिससे लोगों में भ्रम हुआ कि यह योजना राज्य सरकार की ओर से ही संचालित है।
यदि राज्य सरकार चिरंजीवी बीमा को पूरी तरह बंद कर पूरे देश की तरह आयुष्मान मॉडल लागू करती है तो केन्द्र को अपनी योजना के नियम बदलने पड़ेगे। आयुष्मान बीमा में 5 लाख और राज्य की योजना में 25 लाख रुपए तक का बीमा कवरेज है। केन्द्र की योजना खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्र परिवारों के लिए ही है, जबकि राज्य की योजना में राज्य का प्रत्येक परिवार 850 रुपए सालाना प्रीमियम में बीमा करवा सकता है। माना जा रहा है कि ये दो बड़े प्रावधान आयुष्मान में शामिल किए बिना चिरंजीवी को पूरी तरह बंद करना राज्य सरकार के लिए आसान नहीं होगा। उधर, शनिवार को नर्सेज के एक प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य में 25 लाख तक का नि:शुल्क इलाज देने के लिए उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से बात की है।
योजना के बारे में आप जो जानना चाहते हैं
सवाल : चिरंजीवी बीमा योजना को राज्य सरकार ने बंद कर दिया है ?
जवाब : नहीं, यह योजना अभी जारी है। योजना का पोर्टल अभी कार्य कर रहा है
सवाल : योजना जारी है तो सभी मरीजों को इलाज क्यों नहीं मिल रहा ?
जवाब : कांग्रेस सरकार के समय निजी अस्पतालों और सरकार के बीच योजना के पैकेज को लेकर गतिरोध हुआ। उसके बाद से ही कई बड़े निजी अस्पताल इस योजना के तहत मेडिकल ट्रीटमेंट आज तक नहीं कर रहे। सर्जरी और अन्य इलाज अधिकांश अस्पतालाें में किया जा रहा है। सरकार का दावा है कि बीते 15 दिन में 77 करोड़ रुपए का कैशलेस इलाज प्रदान किया गया है।
यदि राज्य सरकार चिरंजीवी बीमा को पूरी तरह बंद कर पूरे देश की तरह आयुष्मान मॉडल लागू करती है तो केन्द्र को अपनी योजना के नियम बदलने पड़ेगे। आयुष्मान बीमा में 5 लाख और राज्य की योजना में 25 लाख रुपए तक का बीमा कवरेज है। केन्द्र की योजना खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्र परिवारों के लिए ही है, जबकि राज्य की योजना में राज्य का प्रत्येक परिवार 850 रुपए सालाना प्रीमियम में बीमा करवा सकता है। माना जा रहा है कि ये दो बड़े प्रावधान आयुष्मान में शामिल किए बिना चिरंजीवी को पूरी तरह बंद करना राज्य सरकार के लिए आसान नहीं होगा। उधर, शनिवार को नर्सेज के एक प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य में 25 लाख तक का नि:शुल्क इलाज देने के लिए उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से बात की है।
योजना के बारे में आप जो जानना चाहते हैं
सवाल : चिरंजीवी बीमा योजना को राज्य सरकार ने बंद कर दिया है ?
जवाब : नहीं, यह योजना अभी जारी है। योजना का पोर्टल अभी कार्य कर रहा है
सवाल : योजना जारी है तो सभी मरीजों को इलाज क्यों नहीं मिल रहा ?
जवाब : कांग्रेस सरकार के समय निजी अस्पतालों और सरकार के बीच योजना के पैकेज को लेकर गतिरोध हुआ। उसके बाद से ही कई बड़े निजी अस्पताल इस योजना के तहत मेडिकल ट्रीटमेंट आज तक नहीं कर रहे। सर्जरी और अन्य इलाज अधिकांश अस्पतालाें में किया जा रहा है। सरकार का दावा है कि बीते 15 दिन में 77 करोड़ रुपए का कैशलेस इलाज प्रदान किया गया है।
सवाल : सरकार बदल गई है, चिरंजीवी योजना जारी रहेगी ?
जवाब : यह सरकार पर निर्भर करेगा कि वह भविष्य में इसे किस रूप में संचालित करने का निर्णय लेती है। लेकिन योजना को पूरी तरह बंद करना सरकार के लिए आसान नहीं होगा।
सवाल : चिरंजीवी और आयुष्मान बीमा योजना एक ही है ?
जवाब :आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना ही इसका पूर्व में भी नाम था। अब सरकार ने इसे वास्तविक नाम से बोलना शुरू किया है।
जवाब : यह सरकार पर निर्भर करेगा कि वह भविष्य में इसे किस रूप में संचालित करने का निर्णय लेती है। लेकिन योजना को पूरी तरह बंद करना सरकार के लिए आसान नहीं होगा।
सवाल : चिरंजीवी और आयुष्मान बीमा योजना एक ही है ?
जवाब :आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना ही इसका पूर्व में भी नाम था। अब सरकार ने इसे वास्तविक नाम से बोलना शुरू किया है।
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सवाल : चिरंजीवी में इलाज का भुगतान किस तरह होता है ?जवाब : राज्य की मौजूदा चिरंजीवी बीमा योजना में राज्य सरकार बीमा कंपनी को 5 लाख का ही प्रीमियम देती है। इससे अधिक राशि से इलाज की जरूरत पड़ने पर राज्य सरकार के आरपीएफ प्रावधानों के अनुसार ट्रस्ट मोड पर भुगतान किया जाता है। यानि, आयुष्मान के तहत पात्रधारी परिवारों के प्रीमियम की राशि केन्द्र से राज्य को मिलती है। शेष परिवारों का प्रीमियम राज्य सरकार देती है।