पर्ची पर तारीख डाल कर रहे इनकार
पड़ताल में पता चला कि अधिकतर अस्पतालों में मरीजों को सीधे मना किया जा रहा था। पर्ची पर अगलेे दिन की तारीख डालकर मरीजों को लौटाते नजर आए। इस मनमानी के कारण सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती व पेट रोग की समस्या से जूझ रहे मरीजों को हुई। मजबूरन उन्हें निजी जांच सेंटर से महंगे दामों में सोनोग्राफी करवानी पड़ी।
पड़ताल में सामने आए ये हालात
जयपुरिया व एसएमएस सुपरस्पेशलिटी: सोनोग्राफी सेंटर में केवल भर्ती मरीजों की ही सोनोग्राफी जांच हो रही थी। ओपीडी मरीजों को अगले दिन आने के लिए कहा जा रहा था।
जेके लोन अस्पताल: सोनोग्राफी सेंटर दोपहर एक बजे तक खुला था। एक बच्चे की सोनोग्राफी जांच हो रही है। गेट पर तैनात गार्ड से सोनोग्राफी के लिए कहा तो उसने कल आने की बोलकर दरवाजा बंद कर दिया।
जनाना, कांवटिया, गणगौरी व महिला चिकित्सालय: यहां भी राजपत्रित अवकाश के दिन ओपीडी महज दो घंटे ही चलती है। इस बीच इमरजेंसी मरीजों की ही जांच हो रही थी।
पीडि़त बोला, दर्द आज हो रहा, जांच कल होगी
जयपुरिया अस्पताल में एक मरीज ने बताया कि उसे पेट दर्द हो रहा है। डॉक्टर ने ओपीडी में केवल सोनोग्राफी जांच लिखी है, दवा भी नहीं लिखी। जांच करवाने के लिए बोला है। यहां कल आने की कह रहे हैं जबकि दर्द आज हो रहा है।