यह भी पढें : मोदी सरकार का हज पर वार! अभी तक वार्ड में भर्ती मरीज को आवश्यकता होने पर भी तत्काल आईसीयू मिलना भी मुश्किल हो जाता था। चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ के निर्देश पर यह प्रस्ताव तैयार किया गया है। सूत्रों के अनुसार प्रस्ताव को मुख्यमंत्री स्तर से भी मंजूरी मिल चुकी है। संभावना है कि राज्य सरकार के 4 साल पूरे होने के अवसर पर मुख्यमंत्री की ओर से ही इसकी घोषणा की जाएगी। हर वार्ड में अलग आईसीयू बनने के बाद एसएमएस प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर के सरकारी अस्पतालों में संभवतया ऐसा पहला अस्पताल होगा, जहां हर वार्ड के साथ आईसीयू पलंग होंगे, जो मरीज की गंभीर स्थिति को तत्काल काबू में कर पाएंगे। अगले चरण में एसएमएस मेडिकल कॉलेज से संबंद्ध जनाना, महिला, गणगौरी, मनोरोग और श्वांस रोग संस्थान में यह व्यवस्था की जाएगी।
यह भी पढें : नींदड़ आवासीय योजना : सर्वे पर बड़ा विवाद, जेडीए—कलक्टर ने नकारी संघर्ष समिति की मांग प्रदेश भर में भी संभवाना बताया जा रहा है कि प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल के बाद प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेज अस्पतालों सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में भी इसी तरह हर वार्ड में आईसीयू के दो दो पलंग होंगे। इसके बाद प्रदेश में आईसीयू की किल्लत में काफी हद तक कमी आएगी।
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आईसीयू की किल्लत तो निश्चित तौर पर है। हर वार्ड में दो दो आईसीयू पलंग के प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है। चिकित्सा मंत्री के निर्देश पर यह प्रस्ताव तैयार किया गया है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि इसी साल इस पर काम शुरू हो जाएगा।
आईसीयू की किल्लत तो निश्चित तौर पर है। हर वार्ड में दो दो आईसीयू पलंग के प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है। चिकित्सा मंत्री के निर्देश पर यह प्रस्ताव तैयार किया गया है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि इसी साल इस पर काम शुरू हो जाएगा।
डॉ. यू.एस. अग्रवाल, प्राचार्य एवं नियंत्रक, एसएमएस मेडिकल कॉलेज