यह भी पढ़ें: अवैध खनन गतिविधियों के विरुद्ध राजस्थान में बड़ी कार्रवाई प्रदेश में वैध खनन को बढ़ावा खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा और निर्देशों के अनुसार विभाग की ओर से प्रदेश में वैध खनन को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए आवश्यक निर्णय किए गए हैं। नियमों को आसान बनाने की अधिसूचना जारी कर राज्य सरकार की खनन क्षेत्र को बढ़ावा देने की ईच्छा शक्ति को साकार किया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि नए संशोधित प्रावधानों के अनुसार अब 15 गुणा डेडरेंट प्रीमियम पर 31 मार्च 2025 को समाप्त हो रही माइनर मिनरल के खनन पट्टों और क्वारी लाइसेंस की अवधि 31 मार्च 2040 तक बढ़ा दी गई है। इससे खनन पट्टाधारियों व क्वारी लाइसेंसधारियों को रिन्यूवल की जटिलताओं से छुटकारा मिल सकेगा और राज्य सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी। इसी तरह से खनन पट्टों के पास की एक हैक्टेयर से कम क्षेत्र के स्ट्रीप क्षेत्र को संबंधित खननपट्टाधारी को आवंटित किया जा सकेगा।
यह भी पढ़ें: राजस्थान सरकार का अवैध खनन पर जीरो टोलरेंस मैसेज अब तक खनन पट्टों के हस्तांतरण की प्रक्रिया होगी आसान अब तक खनन पट्टों के हस्तांतरण की प्रक्रिया अत्यधिक जटिल थी जिसे आसान बनाते हुए संशोधित नियमों के अनुसार माइनर मेजर के खननपट्टाधारी से लीज हस्तांतरण पर डेड रेंट, लाइसेंस फीस प्रीमियम 10 गुणा व अधिकतम 10 लाख के स्थान पर 5 लाख व अधिकतम 5 लाख रुपए लिया जाएगा। इसी तरह से खनन पट्टाधारियों को मासिक के स्थान पर त्रैमासिक रिटर्न सबमिट करने की सुविधा दी गई है। समय पर मासिक रिटर्न नहीं भरने पर 500 रुपए प्रतिदिन का जुर्माना होता था उसे अब 500 रुपए प्रतिमाह व अधिकतम 5 हजार रुपए किया गया है।
नए प्रावधानों के अनुसार खनन पट्टाधारियों की खानों का रजिस्ट्रेशन होने के बाद एक साल की अवधि में उन्हें पर्यावरणीय क्लीयरेंस लाने की छूट होगी पर खनन पट्टाधारी को पर्यावरणीय क्लीयरेंस के बाद ही खनन कार्य आरंभ करने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने बताया कि माइनर मिनरल में खातेदारी खनन पट्टों की अधिकतम चार हैक्टेयर की सीमा को हटा दिया गया है।
नए प्रावधानों के अनुसार खनन पट्टाधारियों की खानों का रजिस्ट्रेशन होने के बाद एक साल की अवधि में उन्हें पर्यावरणीय क्लीयरेंस लाने की छूट होगी पर खनन पट्टाधारी को पर्यावरणीय क्लीयरेंस के बाद ही खनन कार्य आरंभ करने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने बताया कि माइनर मिनरल में खातेदारी खनन पट्टों की अधिकतम चार हैक्टेयर की सीमा को हटा दिया गया है।