जयपुर

Shardiya Navratri: हाथी पर सवार होकर आई दुर्गा माता, दो साल बाद इस मंदिर में नवरात्र पर दर्शनों के लिए उमड़ पड़े लोग

Shardiya Navratri अष्ट नक्षत्र, शुक्ल व ब्रह्म योग और कुमार योग के बीच सोमवार को शारदीय नवरात्र शुरू हुए। इस बार मां दुर्गा का सुख-समृद्धि लेकर हाथी पर सवार होकर आगमन हुआ। योग-संयोग के बीच श्रेष्ठ मुहूर्त में घर-घर घट स्थापना की गई।

जयपुरSep 26, 2022 / 02:31 pm

Girraj Sharma

हाथी पर सवार होकर आई दुर्गा माता, दो साल बाद इस मंदिर में नवरात्र पर दर्शनों के लिए उमड़ पड़े लोग

Shardiya Navratri जयपुर। अष्ट नक्षत्र, शुक्ल व ब्रह्म योग और कुमार योग के बीच सोमवार को शारदीय नवरात्र शुरू हुए। योग-संयोग के बीच श्रेष्ठ मुहूर्त में घर-घर घट स्थापना की गई। इस बार मां दुर्गा का सुख-समृद्धि लेकर हाथी पर सवार होकर आगमन हुआ। माता का प्रस्थान भी ‘गज’ (हाथी) पर हो रहा है, जो अच्छी बारिश और खुशहाली का संकेत है।
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आमेर शिला माता मंदिर सहित शहर के अन्य दुर्गा मंदिरों और हनुमानजी व श्रीराम मंदिरों में घट स्थापना के साथ दुर्गा शप्तशती और रामचरित मानस के पाठ शुरू हुए। घर-घर, मंदिर- मंदिर रामायण की चौपाइयां गूंज उठी। अब पूरे नौ दिन माता की आराधना होगी। पहले दिन मां शैलपुत्री के स्वरूप की पूजा की जा रही है।

 

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आमेर शिला माता के सुबह घट स्थापना के बाद दर्शन खुले। माता के दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिर में शिला माता के जयकारों के साथ जय मातादी… की जयकारें गूंज उठे। कुछ भक्त कनक दंडवत करते हुए माता के दर्शनों के लिए पहुंचे। कतार में खड़े खड़े भक्त माता के जयकारें लगाते रहे।

एक अक्टूबर को छठ का मेला
मंदिर पुजारी बनवारी लाल शास्त्री ने बताया कि सुबह घट स्थापना के साथ ही माता के दर्शन खुले। एक अक्टूबर को छठ का मेला भरेगा। वहीं सप्तमी पर 2 अक्टूबर को निशा पूजन होगा। 3 अक्टूबर को अष्टमी पर पूर्णाहुति होगी, वहीं दशमी पर 5 अक्टूबर को नवरात्रा उत्थापना होगी। उन्होंने बताया कि नवरात्र में रोजाना माता के सुबह 6 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 8.30 बजे तक भक्त माता के दर्शन कर सकेंगे। बीच में दोपहर 12.30 बजे से शाम 4 बजे तक माता के पट मंगल रहेंगे।

दुर्गा माता मंदिर में सप्तमी का मेला भरेगा
दुर्गापुरा स्थित दुर्गा माता मंदिर में घट स्थापना के साथ ही माता के दर्शन खुले। मंदिर में अलसुबह से ही भक्त माता के दर्शनों के लिए पहुंचे। मंदिर के महंत महेन्द्र भट्टाचार्य ने बताया कि नवरात्र में मंदिर रोजाना सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे और शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहेगा। भक्त इस बीच माता के दर्शन कर सकेंगे। 2 अक्टूबर को सप्तमी का मेला भरेगा, वहीं अष्टमी पर पूर्णाहुति हवन होगा।

यहां भी हुई घट स्थापना
राजापार्क पंचवटी सर्किल स्थित वैष्णों माता मंदिर सुबह घट स्थापना की गई। सुबह से ही माता के दर्शनों के लिए भक्त पहुंचे। ब्रह्मपुरी स्थित काली माता मंदिर, सूरजपोल बाजार स्थित रुद्रघंटेश्वरी माता, आमागढ़ स्थित अंबा माता, झालाना स्थित वैष्णोदेवी मंदिर, काली माता मंदिर, आमेर स्थित मनसा माता मंदिर, माता मावलियान, दिल्ली रोड स्थित राजराजेश्वरी मंदिर में भी घट स्थापना की गई। मंदिरों में दुर्गा शप्तशती और रामायण के पाठ शुरू हुए। मंदिरों मं अंखड ज्योत भी जलाई गई, यह ज्योत पूरे नौ दिन चलेगी।

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