जयपुर

Shardiya Navratri 2022: इस बार सुख-समृद्धि लेकर गज पर पधारेंगी मां दुर्गा, नवरात्र के ये रहेंगे शुभ मुहूर्त

Shardiya Navratri 2022 अष्ट नक्षत्र, शुक्ल व ब्रह्म योग और कुमार योग में आश्विन शुक्ल प्रतिपदा पर शारदीय नवरात्र शुरू होंगे। इस बार मां दुर्गा सुख-समृद्धि लेकर गज पर पधारेंगी। माता का आगमन एवं प्रस्थान ‘गज’ (हाथी) पर हो रहा है, जो अच्छी बारिश और खुशहाली का संकेत है।

जयपुरSep 25, 2022 / 02:51 pm

Girraj Sharma

Shardiya Navratri 2022 जयपुर। अष्ट नक्षत्र, शुक्ल व ब्रह्म योग और कुमार योग में आश्विन शुक्ल प्रतिपदा पर शारदीय नवरात्र शुरू होंगे। इस बार मां दुर्गा सुख-समृद्धि लेकर गज पर पधारेंगी। माता का आगमन एवं प्रस्थान ‘गज’ (हाथी) पर हो रहा है, जो अच्छी बारिश और खुशहाली का संकेत है।

घर-घर घट स्थापना के साथ मां दुर्गा की आराधना शुरू होगी। आमेर शिला माता मंदिर सहित अन्य दुर्गा मंदिरों में नवरात्र स्थापना होगी। इस बार पूरे 9 दिन मां दुर्गा की आराधना होगी। शिला माता के इस बार छठ का मेला भरेगा, माता के दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ उमडेगी। शहर के अन्य दुर्गा मंदिरों में भी विशेष आयोजन होंगे।

घट स्थापना के मुहूर्त
– घट स्थापना का श्रेष्ठ समय – सुबह 6.21 बजे से सुबह 7.57 बजे तक
– अभिजित मुहूर्त – दोपहर 11.55 बजे से 12.42 बजे तक
– शुभ के चौघडिया – सुबह 9.19 बजे से 10.49 बजे तक

ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि घट स्थापना का श्रेष्ठ समय सुबह 6 बजकर 21 मिनट से सुबह 7 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। अभिजित मुहूर्त में भी घट स्थापना दोपहर 11.55 बजे से 12.42 बजे तक होगी। इस बीच कुमार योग, अष्ट नक्षत्र के अलावा शुक्ल व ब्रह्म योग रहेगा। कुमार योग और ब्रह्म योग दिनभर रहेंगे। शुक्ल योग सुबह 8.04 बजे तक रहेगा।

 

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आमेर शिला माता के घट स्थापना 6.25 बजे
आमेर शिला माता मंदिर में सुबह 6.25 बजे घट स्थापना होगी। मंदिर पुजारी बनवारी लाल शास्त्री ने बताया कि भक्त माता के दर्शन सुबह 7.30 बजे से कर सकेंगे। एक अक्टूबर को छठ का मेला भरेगा। वहीं सप्तमी पर 2 अक्टूबर को निशा पूजन होगा। 3 अक्टूबर को अष्टमी पर पूर्णाहुति होगी, वहीं दशमी पर 5 अक्टूबर को नवरात्रा उत्थापना होगी।

 

दुर्गा माता मंदिर में सुबह 7 बजे घट स्थापना
दुर्गापुरा स्थित दुर्गा माता मंदिर में 26 सितंबर को सुबह 7 बजे घट स्थापना होगी। मंदिर के महंत महेन्द्र भट्टाचार्य ने बताया कि नवरात्र में मंदिर रोजाना सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे और शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहेगा। भक्त इस बीच माता के दर्शन कर सकेंगे। 2 अक्टूबर को सप्तमी का मेला भरेगा, वहीं अष्टमी पर पूर्णाहुति हवन होगा।

यहां भी विशेष आयोजन
राजापार्क पंचवटी सर्किल स्थित वैष्णों माता मंदिर, ब्रह्मपुरी स्थित काली माता मंदिर, सूरजपोल बाजार स्थित रुद्रघंटेश्वरी माता, आमागढ़ स्थित अंबा माता, झालाना स्थित वैष्णोदेवी मंदिर, काली माता मंदिर, आमेर स्थित मनसा माता मंदिर, माता मावलियान, दिल्ली रोड स्थित राजराजेश्वरी मंदिर में भी घट स्थापना के बाद नौ दिन विशेष आराधना होगी।

मां दुर्गा सुख-समृद्धि लेकर गज पर पधारेंगी
ज्योतिषाचार्य पं. सुरेश शास्त्री ने बताया कि इस बार मां दुर्गा सुख-समृद्धि लेकर गज पर पधारेंगी। माता का आगमन एवं प्रस्थान ‘गज’ (हाथी) पर हो रहा है, जो अच्छी बारिश और खुशहाली का संकेत है। उन्होंने बताया कि यदि नवरात्र रविवार या सोमवार से प्रारंभ होते हैं तो मां दुर्गा हाथी पर, शनिवार या मंगलवार को घोड़ा पर, गुरुवार या शुक्रवार को डोला पर, और बुधवार को शुरू होने पर मां दुर्गा नौका पर सवार होकर आती हैं।

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