bell-icon-header
जयपुर

शादी के बाद किसी दूसरे से संबंध बनाना अपराध नहीं… राजस्थान हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला

शादीशुदा महिला का किसी दूसरे से संबंध बनाना अपराध नहीं, हाईकोर्ट ने कहा, शादीशुदा अन्य के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह सकते हैं, पर दूसरी शादी संभव नहीं

जयपुरApr 01, 2024 / 07:04 pm

pushpendra shekhawat

शादी के बाद किसी दूसरे से संबंध बनाना अपराध नहीं… राजस्थान हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला

राजस्थान हाईकोर्ट ने दोहराया कि शादीशुदा महिला का लिव इन रिलेशनशिप में रहकर किसी दूसरे से संबंध बनाना अपराध नहीं है, लेकिन जीवनसाथी के रहते दूसरी शादी संभव नहीं है। कोर्ट ने महिला के किसी अन्य के साथ रहकर उससे संबंध बनाने को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 494 के अंतर्गत अपराध मानने से इनकार कर दिया है।
न्यायाधीश बीरेंद्र कुमार ने यादराम व अन्य की याचिका खारिज करते हुए यह आदेश दिया। याचिका में कहा कि पति ने अपनी पत्नी के अपहरण को लेकर भरतपुर के पहाड़ी थाने में एफआईआर दर्ज कराई। एफआईआर के खिलाफ मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो पत्नी ने शपथ पत्र पेश कर कहा कि उसका अपहरण नहीं हुआ, बल्कि वह स्वेच्छा से आरोपी के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह रही है। इस पर हाईकोर्ट ने एफआईआर रद्द कर दी। याचिका में कहा कि पत्नी का विवाहेत्तर संबंध रखना आईपीसी की धारा 494 व 497 के तहत अपराध है, ऐसे में एफआईआर रद्द करने का आदेश वापस लिया जाए।
कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के 2010 के एक फैसले का हवाला देकर कहा कि व्यस्क का स्वेच्छा से किसी दूसरे से यौन संबंध बनाना अपराध नहीं है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट पत्नी के किसी दूसरे से संबंध बनाने को अपराध ठहराने वाली आईपीसी की धारा 497 को 2019 को भी रद्द कर चुका। याचिका से संबंधित मामले में भी पत्नी ने जीवनसाथी के रहते पुनर्विवाह नहीं किया, पत्नी यह भी स्पष्ट कर चुकी कि उसने स्वेच्छा से घर छोड़ा और आरोपियों में से एक के साथ मर्जी से रह रही है, ऐसे में इस मामले में दखल नहीं किया जा सकता।

Hindi News / Jaipur / शादी के बाद किसी दूसरे से संबंध बनाना अपराध नहीं… राजस्थान हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.