बता दें, सीएम भजनलाल शर्मा के साथ डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा, मंत्री झाबर सिंह खर्रा, हेमंत मीणा, हीरालाल नागर, केके विश्नोई, मंजू बाघमार सहित कई नेता-विधायकों ने भी यह फिल्म देखी थी।
साबरमती रिपोर्ट झूठ का पुलिंदा- खाचरियावास
दरअसल, प्रताप सिंह खाचरियावास ने एक बयान जारी कर कहा कि
साबरमती रिपोर्ट झूठ का पुलिंदा है। उन्होंने कहा कि ‘द साबरमती रिपोर्ट’ को टैक्स फ्री कर दिया, क्योंकि इस फिल्म के जरिए बीजेपी पूरे देश में दंगे फसाद करना चाहती है। लेकिन देश जनता के सामने गोधरा कांड की सारी असलियत सुप्रीम कोर्ट के फैसलों में आ चुकी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री फिल्म देखते रहे और सरकारी लापरवाही से बीकानेर हाउस कुर्क हो गया।
खाचरियावास ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अपनी पूरी सरकार के साथ जब पिक्चर हॉल में पहुंचे तो वह मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए दंगा फसाद की राजनीति करने के लिए हिंदू मुसलमान के बीच में नफरत पैदा करने के लिए राजधर्म का अपमान कर रहे थे।
वहीं, खाचरियावास ने दिल्ली में बीकानेर हाउस के कुर्क होने के मामले में भी राजस्थान सरकार को घेरते हुए कहा कि दूसरी तरफ आज ही मुख्यमंत्री और उनकी सरकार की लापरवाही के कारण बीकानेर हाउस के कुर्क करने के आदेश दिल्ली के कोर्ट ने जारी कर दिए।
‘डबल इंजन की सरकार सर्कस की तरह’
प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि राजस्थान के सम्मान का प्रतीक बीकानेर हाउस जहां प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री मीटिंग लेते रहते हैं जो राजस्थान के सम्मान का प्रतीक और कई सौ करोड़ की संपत्ति है, वह मात्र सरकार की लापरवाही ना समझी के कारण कुर्क हो गया। क्योंकि सरकार की ओर से कोर्ट में जाकर किसी ने भी सरकार का पक्ष रखकर बीकानेर हाउस को बचाने का प्रयास नहीं किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान में डबल इंजन की सरकार सर्कस की तरह काम कर रही है।
‘द साबरमती रिपोर्ट’ राजस्थान में टैक्स फ्री
गौरतलब है कि भजनलाल सरकार ने बुधवार को ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म को राजस्थान में टैक्स फ्री करने का निर्णय लिया था। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोशल मीडिया के माध्यम से यह जानकारी दी थी। सीएम ने कहा था कि यह फिल्म इतिहास के उस भयावह काल-खंड को यथार्थ रूप में दर्शाती है, जिसे कुछ स्वार्थी तत्वों ने अपने निहित स्वार्थों की पूर्ति के लिए विकृत करने का कुत्सित प्रयास किया।