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जयपुर

अध्यापिका की प्रतिनियुक्ति रद्द होने पर दो पक्ष आमने-सामने

सिंघाना थाना इलाके के ढाणा गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में शनिवार को ग्रामीणों के दो पक्ष आमने-सामने हो गए।

जयपुरFeb 07, 2016 / 07:39 am

Abhishek Pareek

सिंघाना थाना इलाके के ढाणा गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में शनिवार को ग्रामीणों के दो पक्ष आमने-सामने हो गए। यहां कार्यरत एक अध्यापिका राजबाला की प्रतिनियुक्ति रद्द होने की बात को लेकर दोनों पक्षों के लोग आक्रोशित थे। इसे लेकर सवेरे विद्यालय खुलते ही बड़ी संख्या में लोग मौके पर जमा हो गए और एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने शुरू कर दिए।

इसी दौरान वहां पहुंची सरपंच सविता ने लोगों से संयम बरतकर मामले को तूल न देकर आपसी समझाइश से निपटाने की बात कही। लेकिन लोग अपनी बात पर अड़े रहे और एक दूसरे को खूब खरी-खोटी सुनाते रहे। सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और माहौल बिगड़ता देख लोगों को विद्यालय क्षेत्र से जबरन दूर खदेड़ दिया।

बाद में बुहाना बीईईओ राजपाल सिंह तंवर भी विद्यालय पहुंचे और मामले की जानकारी ली। इस दौरान एक पक्ष के बाबूलाल कालोडिया व अमीलाल पूनिया सहित अन्य लोगों ने अध्यापिका राजबाला की प्रतिनियुक्ति रद्द कर प्रधानाध्यापिका को हटाने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया। वहीं दूसरे पक्ष के गौरीशंकर व छाजूराम ने प्रधानाध्यापिका को यथावत रखकर विद्यालय में राजनीति न करने की बात को लेकर ज्ञापन दिया। जद्दोजहद के दौरान लोग अपनी-अपनी बात को सही साबित करने को लेकर अड़े रहे। इसके चलते पढ़ाई बाधित रही और देर तक माहौल तनावपूर्ण रहा।

यह है मामला
गौरतलब है कि ढाणा के राउप्रा विद्यालय में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत अध्यापिका राजबाला को ग्रामीणों की शिकायत के बाद उप निदेशक प्रारंभिक शिक्षा चूरू ने चार फरवरी को ही जिला शिक्षाधिकारी को उसे दूसरी जगह के लिए कार्यमुक्त करने का आदेश दिया था। इस आदेश की पालना में उक्त अध्यापिका को पांच फरवरी को कार्यमुक्त कर दिया गया।

इनका कहना है
प्रतिनियुक्ति के मामले को लेकर दोनों ही पक्षों ने ज्ञापन दिए हैं। जांच कर इसका निष्पक्ष निपटारा किया जाएगा। ग्रामीणों को भी स्कूल के सुचारू संचालन में सहयोग करना चाहिए।
– राजपाल सिंह तंवर, बीईईओ, बुहाना।

कुछ लोगों ने मामले को अनावश्यक तूल देकर माहौल बिगाडऩे का प्रयास किया,जो गलत है। इससे बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है।
– सविता, सरपंच, ढाणा।

मैं तो स्कूल में केवल कार्य मुक्ति की औपचारिकताएं पूरी करने गई थी। राजनीति जैसी बातें बेबुनियाद हैं।
– राजबाला, अध्यापिका।

आलाधिकारियों के आदेशों की पालना में ही अध्यापिका का कार्यमुक्ति आदेश जारी किया था। स्कूल का माहौल शांत ही रहना चाहिए।
– प्रेम मीणा, प्रधानाध्यापिका, राउप्रा विद्यालय, ढाणा।

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