उन्होंने कहा कि इस निवेश रोडमैप का उद्देश्य राजस्थान को पावर सरप्लस राज्य बनाना है। जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं (सौर, पवन और हाइब्रिड परियोजनाओं) के साथ-साथ रूफटॉप सोलर, ट्रांसमिशन और वितरण और ईवी चार्जिंग अवसंरचना शामिल हैं। इस निवेश से 28000 नौकरियों का सृजन करने और यहां के लोगों को 24/7 स्वच्छ, किफायती बिजली प्रदान करने की उम्मीद है।
राजस्थान देश के सबसे बड़े सौर पार्कों का घर है और स्थापित नवीकरणीय क्षमता के मामले में शीर्ष राज्यों में से एक है। राज्य में सौर क्षमता 18GW से अधिक है, जिससे यह भारत में एक प्रमुख राज्य बन गया है। राज्य 2047 तक 500GW नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता प्राप्त करने के भारत के लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए अच्छी स्थिति में है। वर्तमान में टाटा पावर की सौर में 1000 मेगावाट और पवन ऊर्जा में 185 मेगावाट की नवीकरणीय स्थापना है। “घर घर सौर पहल” के तहत टाटा पावर रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन के लिए 10 लाख परिवारों को लक्षित करेगा, प्रति माह लगभग 50,000 इंस्टॉलेशन का कार्यान्वयन करेगा।
डॉ. प्रवीर सिन्हा ने JECC में मीडिया से बात करते हुए कहा कि टाटा पावर का राज्य के लिए स्वच्छ ऊर्जा रोडमैप भारत के 2070 तक नेट-जीरो कार्बन बनने के लक्ष्य में महत्वपूर्ण योगदान देगा और राज्य के अगले स्वच्छ ऊर्जा केंद्र के रूप में उभरने की आकांक्षा को बढ़ावा देगा।