जयपुर

Reet Exam 2021 : परिवहन के पंचतंत्र प्रबंधन ने दी रीट परिक्षार्थियों को राहत

राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा 2021 रविवार को राहत के साथ संपन्न हो गई। रविवार होने के कारण भीड़ सडकों पर कम रही। मुख्यमंत्री की अपील का भी असर सड़कों पर दिखाई दिया। करीब चार लाख लोगों के परिवहन करने के लिए जिला प्रशासन ने रोडवेज, रेलवे,जेसीटीएसएल और मेट्रो सहित निजी बस संचालकों के साथ समन्वय करके ऐसे परिवहन संचालन किया कि शहर में किसी प्रकार की परेशानी नहीं दिखाई दी।

जयपुरSep 26, 2021 / 09:17 pm

Anand Mani Tripathi

परिवहन का पंचतंत्र

जयपुर
राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा 2021 रविवार को राहत के साथ संपन्न हो गई। रविवार होने के कारण भीड़ सडकों पर कम रही। मुख्यमंत्री की अपील का भी असर सड़कों पर दिखाई दिया। करीब चार लाख लोगों के परिवहन करने के लिए जिला प्रशासन ने रोडवेज, रेलवे,जेसीटीएसएल और मेट्रो सहित निजी बस संचालकों के साथ समन्वय करके ऐसे परिवहन संचालन किया कि शहर में किसी प्रकार की परेशानी नहीं दिखाई दी।
हरियाणा से आए कुलदीप सांगवान ने कहा कि इतनी बड़ी परीक्षा की इतनी बेहतर व्यवस्था शायद ही कहीं हो पाए। मुफ्त बसों के संचालन के कारण परिक्षार्थियों को बहुत ही राहत मिली है। मेट्रो और लोफलोर बसों से परिक्षार्थियों ने आसानी से यात्रा की।
काम कर गया पंचतंत्र
जिला प्रशासन के साथ परिवहन विभाग का तैयार किया गया परिवहन पंचतंत्र काफी काम आया। सिंधी कैंप बस अड्डे पर एक भी सामान्य और एक्सप्रेस बसें सेवा में नहीं दिखाई दी और शहर के पांच अलग-अलग बस अड्डों से बस चलाने के कारण परिक्षार्थियों को भी आसानी से बसें मिल गई। इसके कारण किसी एक क्षेत्र पर दबाव को स्थिति नहीं दिखाई दी। सिंधी कैंप बस अड्डे पर केवल डीलक्स बसों का संचालन रहा। यहां भी परीक्षार्थियों का कोई दबाव नहीं दिखाई दिया।
रोडवेज की पांच दिवसीय मुफ्त सेवा ने भी दी राहत
राजस्थान रोडवेज ने परीक्षार्थियों को परीक्षा देने के अगले पांच दिनों तक यात्रा करने की छूट दे रखी है। ऐसे में रीट परीक्षार्थियों में भी बस पकड़ने की कोई बहुत ज्यादा होड नहीं दिखाई दी। राजस्थान रोडवेज ने समन्यव के लिए राजधानी के पांचों केंद्र पर अपने अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती की थी।
रेलवे ने तीन स्टेशन से किया भीड प्रबंधन
उत्तर पश्चिम रेलवे ने पूरे प्रदेश में 64 अतिरिक्त कोच के साथ ट्रेनों का संचालन किया वहीं परीक्षा के लिए विशेष तौर पर 27 जोडी यानी 52 ट्रेनों का अतिरिक्त संचालन किया। सीपीआरओ शशि किरण ने बताया कि आरपीएफ, जीआरपी, स्काउट और गाइड, रेलवे कर्मचारियों सहित प्रशासन के विशेष सहयोग से कहीं से कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। जयपुर मंडल के सीनियर डीसीएम मुकेश सैनी ने बताया कि दबाव को देखते हुए पहले ही तैयारी कर ली गई थी। जयपुर सहित ढेहर का बालाजी और खातीपुरा पर भीड़ प्रबंधन किया गया। बस की मुफ्त सेवा के कारण भी रेलवे पर दबाव काफी कम रहा।
दो पाली में हुई परीक्षा तक भी घटा दबाव
ऐसा माना जा रहा था कि परीक्षा छूटने के बाद दबाव बहुत अधिक रहेगा लेकिन दो ग्रेड की परीक्षा होने के कारण यह दो भागों में बंट गया। परीक्षा में कुल करीब ढाई लाख लोग परीक्षा देने आए थे। इसमें से 60 फीसदी परीक्षिार्थियों ने ग्रेड एक और दो की परीक्षा दी जबकि 40 फीसदी ने ग्रेड एक की परीक्षा दी। ऐसे में पहले 40 प्रतिशत शहर से बाहर के लिए रवाना हो गए और फिर शाम पांच बजे के बाद अगने 60 फीसदी परीक्षार्थी रवाना हुए। इस कारण भी दबाव कम दिखाई दिया।
मेट्रो और जेसीटीएसएल ने संभाली व्यवस्था
जयपुर मेट्रो और जेसीटीएसएल की 273 बसों ने देर रात 12 बजे तक परिक्षार्थियों को सेवाएं दी। परीक्षा के बाद दोनों की साधनों ने परिक्षार्थियों को शहर के बाहर जाने के लिए बनाए गए पांचों बस अड्डों तक बसों का बहुत बेहतर संचालन किया। जेसीटीएसएल और मेट्रों के अतिरिक्त फेरों के कारण परिक्षार्थियों को बहुत ही राहत मिली और आसानी से गंतव्य तक पहुंचने में कामयाब रहे।
निजी बसों से वसूले पैसे, चली कम बसें
मुख्यमंत्री के मुफ्त बसों के संचालन आदेश के कारण शहर में चलने वाली निजी बसों का संचालन बहुत ही कम रहा और जिन्होंने बसों का संचालन किया भी उन्होंने अतिरिक्त किराया वसूली करने में कोई कसर नहीं रखी। परिक्षार्थियों का आरोप है कि जहां किराया 20 रुपए लगता है वहां इन बसों ने 40 रुपए किराया वसूला है।

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