गौरतलब है कि आरएलपी की स्थापना को लेकर राजधानी जयपुर में हुंकार महारैली का आयोजन किया गया था, जिसमें प्रदेश के विभिन्न कोनों से सैंकड़ों की संख्या में किसान और युवाओं के साथ बेनीवाल समर्थकों की मौजूदगी रही थी। इसी कार्यक्रम में राष्ट्रीय संयोजक हनुमान बेनीवाल ने आरएलपी की स्थापना का औपचारिक ऐलान किया था।
रीति-नीति पर चर्चा, रणनीति पर हो रहा मंथन
आरएलपी पार्टी नेतृत्व के निर्देश अनुसार आज प्रदेश के हर जिला मुख्यालय पर पार्टी का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। संगोष्ठियों और संवाद बैठकों में पार्टी की रीति-नीति पर चर्चा की जा रही है, साथ ही आगामी रणनीति पर मंथन हो रहा है।
प्रदेश भर में हो रहे विभिन्न आयोजन
आरएलपी नेताओं के अनुसार संवाद बैठकों में खासतौर से हर बूथ तक पार्टी की विचारधारा कैसे पहुंचे इस दिशा में भी कार्य योजना बनाई जा रही है। प्रदेश नेतृत्व द्वारा मिले निर्देशों में इन बैठकों के बाद जिला मुख्यालय पर वाहन रैली निकालने और सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्य करने को भी कहा गया है। इन कार्यक्रमों में पार्टी पदाधिकारी और संबंधित जिले के जिला अध्यक्ष शामिल हो रहे हैं।
निर्देशों के अनुसार जिला मुख्यालय के अलावा ब्लॉक और उपखंड स्तर पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। युवा मोर्चा, महिला मोर्चा व अल्पसंख्यक मोर्चा की ओर से भी विभिन्न आयोजन किये जा रहे हैं।
अब तक की परफॉर्मेंस
– राष्ट्रीय संयोजक हनुमान बेनीवाल नागौर से सांसद निर्वाचित हुए
– 3 विधायक बने। खींवसर से नारायण बेनीवाल, मेड़ता से इंदिरा देवी और भोपालगढ़ के पुखराज गर्ग।
– 5 प्रधान, 4 उप प्रधान, एक नगरपालिका अध्यक्ष, 100 से अधिक पंचायत समिति सदस्य, 10 जिला परिषद सदस्य निर्वाचित
– स्थापना के बाद वर्ष 2018 के पहले विधानसभा चुनाव में 57 सीट पर चुनाव लड़ा, 9 लाख 50 हजार से अधिक वोट प्राप्त किए
”आरएलपी राजस्थान में विपक्ष की अग्रणी भूमिका निभाने के साथ जनहित के तमाम मुद्दों को प्राथमिकता से उठा रही है। आगे भी जनहित से जुड़े मुद्दों को राज्य और केंद्र में प्रमुखता के उठाया जाएगा।’‘ — हनुमान बेनीवाल, सांसद, आरएलपी