राममंदिर निर्माण को लेकर प्रियंका गांधी के बयान पर पूनियां ने तंज कसा। उन्होंने कहा कि इस खानदान की रिसर्च करनी पड़ेगी कि ये राम को मानते है या नहीं। कभी टोपी पहन लेते हैं, कभी नमाज पढ़ने लग जाते हैं तो कभी जनेउ पहन लेते हैं। ये रामसेतु के बारे में एफीडेविट दे देते हैं कि राम का अस्तित्व नहीं था। राम काल्पनिक पात्र थे। ऐसे खानदान पर क्या भरोसा करें। इन्हें रामजी की लताड़ लगी तभी घूमते फिर रहे हैं, वरना राज कर रहे होते।
राजद्रोह की धाराओं को हटाना सरकार की नैतिक हार रिष्ठ विधायक भंवर लाल शर्मा की याचिका पर एसओजी की ओर से राजद्रोह की धाराओं को हटाने को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने सरकार की नैतिक हार बताया है। पूनियां ने कहा कि सरकार नहीं बदली है।, सरकार की नीयत वैसी की वैसी ही है। पार्टी में विग्रह और उसके कारण सरकार की अस्थिरता यह राजद्रोह कैसे हो सकती है ? ये ताज्जुब की बात थी। लेकिन राजद्रोह की धाराओं को हटाने से यह समझ में आ गया कि सरकार की गलती थी। यह सरकार की नैतिक हार है।
बहुमत होता तो पहले दिन ही हो जाती परेड गहलोत ने कहा कि बहुमत होता तो पहले दिन ही परेड हो जाती। जो सामान्य सी परम्परा रही हैं। इसका मतलब सरकार संख्या के मामले में खुद संतुष्ट नहीं है। जो लोग साथ है उन पर भरोसा नहीं है। बात लोकतंत्र की करते हैं, लेकिन अपने ही विधायकों पर पहरा बैठाया जाता है।
हर सनातन हिन्दू के लिए गौरव का क्षण राम मंदिर के निर्माण को लेकर पूनियां ने कहा कि कल का दिन दुनिया के जितने सनातनी हिन्दू हैं उनके लिए गौरव का क्षण है। हम जैसे लोग जो कारसेवा में गए। मुलायम सिंह की गोलियों का सामना किया। ऐसे लोगों और हिन्दुओं के लिए गौरव का दिन हैं। कल रामलला ठीक तरीके से आजाद हो जाएंगे। आजादी और आपातकाल के बाद राम मंदिर तीसरा बड़ा आंदोलन था। इसे पूरा होता देख किसे खुशी नहीं होगी। कल शाम को हम दीपावली मनाएंगे।