पत्रिका से खास बातचीत में सिन्हा ने उम्मीद जताई है कि अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में राजस्थान गेमचेंजर साबित होगा। बैटरी स्टोरेज और ग्रीन हाइड्रोजन में भी यहां बड़ी संभावना है, इसलिए हमने यहां बड़ा इन्वेस्टमेंट किया है। इसी सप्ताह राजस्थान को एक हजार मेगावाट का सोलर पार्क समर्पित करने जा रहे हैं। पेश हैं सुमंत सिन्हा से बातचीत के मुख्य अंश…
Q. राजस्थान में नवीकरणीय ऊर्जा के आधुनिकीकरण को किस तरह देखते हैं?
A. 140 गीगावाट से अधिक क्षमता के साथ राजस्थान नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश के लिए देश में टॉप पर है। नवीकरणीय क्षमता का विस्तार करने के लिए यहां बेहतर अवसर हैं। नई तकनीक युक्त उपकरणों की मैन्युफैचरिंग क्षमता भी है, इसे देखते हुए राजस्थान में एक यूनिट संचालित की है।Q. आपकी निवेश में किस तरह भूमिका रहेगी?
A. राज्य में करीब 5 गीगावाट के प्रोजेट संचालन कर रहे हैं। 2030 तक 10 गीगावाट क्षमता के अतिरिक्त नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के सोलर और विंड प्रोजेट्स पर फोकस किया है। अभी 21 हजार करोड़ का कमिटमेंट हैं और भविष्य के लिए भी 62 हजार करोड़ के निवेश के लिए एमओयू किए हैं।Q. ग्रीन हाइड्रोजन में किस तरह जुड़ रहे हैं?
A. बैटरी स्टोरेज और ग्रीन हाइड्रोजन दोनों में राजस्थान की हब बनने की पूरी संभावना है। हाल ही जारी लीन एनर्जी पॉलिसी से समझा जा सकता है कि राज्य सरकार का दोनों ही क्षेत्रों में बड़ा प्लान है। यह हमारे विजन के अनुरूप है। एमओयू में बड़ा हिस्सा इसके लिए भी है। वर्ष 2030 तक 15000 मेगावाट हाइड्रो पावर एवं स्टोरेज तथा 2000 किलो टन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य है। यह भी पढ़ें