जानकारी के अनुसार, दिन के समय धूप खिलने से सर्दी का असर कम हो जाता है। आलम यह है कि सुबह हल्की सर्दी रहती है। सुबह और देर शाम को सर्द हवाएं सर्दी का अहसास कराती है। हालांकि 19 से लेकर 23 नवंबर तक चली सर्द हवाओं के बाद पिछले तीन दिन से सर्दी का असर काफी कम हो गया है। मौसम विभाग के मुताबिक तापमान में उतार-चढाव के चलते मौसम में बदलाव देखा जा रहा है।
जयपुर के मौसम में गर्माहट राजधानी जयपुर में आज सवेरे हल्की गर्माहट दिखाई दी। इस कारण सर्दी के तेवर नरम नजर आए। वहीं प्रदेश के पूर्वी जिलों व शेखावाटी अंचल में तेज सर्दी का दौर जारी है। मौसम विभाग के अनुसार उत्तरी हवाओं के कमजोर तंत्र के कारण प्रदेश में सर्दी अभी जोर नहीं पकड़ पा रही है। इस कारण अभी तेज सर्दी का दौर शुरू नहीं हो पाया है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार दिसंबर माह की शुरुआत से ही प्रदेश में तेज सर्दी का दौर शुरू होगा। प्रदेश के कई शहरों में तेज धूप खिलने से तापमान में बढोतरी हुई।
न्यूनतम तापमान चढ़ा जयपुर, दौसा, अलवर, जोधपुर, बाड़मेर, बीकानेर में न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी हुई है। बाड़मेर में आज दिन का अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज हुआ। जयपुर समेत कई शहरों में दिन सूरज की तपिश तेज होने से सर्दी कम हो गई। मौसम विशेषज्ञों ने राज्य में दो-तीन दिन बाद उत्तरी राजस्थान में फिर से तापमान गिरने और सर्दी बढ़ने की संभावना जताई है। जैसलमेर, जोधपुर, चित्तौड़गढ़, बीकानेर, जालोर में अधिकतम तापमान 30 से 31 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज हुआ। इन शहरों में तापमान बढ़ने से यहां दिन में सर्दी बहुत कम हो गई। अजमेर, भीलवाड़ा, जयपुर, पिलानी, चूरू, श्रीगंगानगर, धौलपुर में भी अधिकतम तापमान 28 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज हुआ।
उत्तरी हवाओं का प्रभाव कमजोर राज्य में उत्तरी हवाओं का प्रभाव कमजोर होने से रात में भी तापमान चढ़ने लगा है। जयपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, फलोदी में न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से ऊपर ही रहा। सीकर, चूरू, झुंझुनूं में भी न्यूनतम तापमान 11 से 14 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज हुआ। उदयपुर, कोटा, अजमेर को छोड़कर अधिकांश शहरों में न्यूनतम तापमान औसत से ऊपर है।
दिसंबर के पहले सप्ताह में शीतलहर मौसम केंद्र जयपुर के मुताबिक दिसंबर के पहले सप्ताह में शीतलहर की संभावना है। जिस तरह से पिछले सप्ताह श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर सहित कई जिलों में कोहरे का प्रकोप था। उसी तरह का प्रकोप एक बार फिर बनने वाला है। तीन चार दिन की मामूली राहत के बाद शीतलहर का असर नजर आना शुरू हो सकता है।