यूनिवर्सिटी का तर्क
करीब 30 हजार छात्र राजस्थान यूनिवर्सिटी में हर साल अध्ययनरत रहते हैं। ऐसे में पढ़ाई, हॉस्टल और अन्य सुविधाएं छात्रों को उपलब्ध कराई जाती है। यूनिवर्सिटी का तर्क है कि छात्रों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके। इसीलिए सालाना फीस में 10 फीसदी वृद्धि की जाती है। इससे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी।
हर साल 10 फीसदी बढ़ाई जाती फीस – उपकुलसचिव
उपकुलसचिव कुलदीप मिश्रा ने कहा यूनिवर्सिटी में हर साल 10 फीसदी फीस बढ़ाई जाती है। पिछले सत्र में सिंडिकेट में फीस नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया था लेकिन इस सत्र 10 फीसदी शुल्क वृद्धि हुई है।
फीस बढ़ाने से आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राएं होंगे प्रभावित
राजस्थान विश्वविद्यालय छात्र प्रतिनिधि शुभम रेवाड़ ने कहा यूनिवर्सिटी 10 फीसदी फीस बढ़ाकर आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं को शिक्षा से दूर करने का कार्य कर रही है। इससे आने वाले समय में बेरोजगारी बढ़ेगी। सरकार की ओर से विवि को फंड दिया जाता है। इसके बाद भी विवि अतिरिक्त शुल्क वृद्धि कर रहा है। इसका विरोध किया जाएगा।