ट्रांसजेंडर को शिक्षा देने में राजस्थान पीछे, आंकड़े दे रहे हैं गवाही, किन्नर अखाड़ा महामंडेलेश्वर ने कही बड़ी बात
Transgenders Education : राजस्थान में ट्रांसजेंडर की पढ़ाई अधर में हैं। आंकड़े बता रहे हैं ट्रांसजेंडर की शिक्षा का कड़वा सच। प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 485 ट्रांसजेंडर विद्यार्थी अध्ययनरत है, लेकिन उच्च माध्यमिक स्कूलों में एक भी नहीं है।
Transgenders Education : राजस्थान ट्रांसजेंडर को शिक्षा का संबल देने के मामले में बहुत पीछे है। लिहाजा प्रारंभिक शिक्षा के बाद ही ट्रांसजेंडर की पढ़ाई छूट रही है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 485 ट्रांसजेंडर विद्यार्थी अध्ययनरत है, लेकिन उच्च माध्यमिक स्कूलों में एक भी नहीं है। राजस्थान में ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड भी इस पर काम नहीं कर पा रहा है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत ट्रांसजेंडर उम्र बढ़ने के साथ शिक्षा से अलग हो रहे हैं। शिक्षा विभाग के आंकड़े में यह कड़वा सच सामने आ रहा है। आंकड़ों पर गौर करें तो 5वीं कक्षा तक की पढ़ाई के बाद ज्यादातर ट्रांसजेंडर विद्यार्थी पढ़ाई छोड़ देते हैं। कुछ कक्षा 8 तक पढ़ाई करते हैं, लेकिन बोर्ड की कक्षा तक आते-आते लगभग सभी ट्रांसजेंडर विद्यार्थी पढ़ाई छोड़ चुके होते हैं। शाला दर्पण पर दर्शाए गए आंकड़े यह हकीकत बयां करते हैं। वर्ष 2023-24 शैक्षणिक सत्र के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में कुल 485 ट्रांसजेण्डर विद्यार्थी प्राथमिक कक्षाओं में अध्ययनरत है।
कक्षा 9 से 10 में दो, 11 एवं 12 में एक भी नहीं
प्रदेश में कक्षा 9 से 10 में अध्ययनरत विद्यार्थियों में ट्रांसजेंडर का नामांकन नाम मात्र का है। इस कक्षा ग्रुप में पूरे प्रदेश में मात्र 2 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इनमें बारां एवं बाड़मेर जिलों में एक-एक विद्यार्थी है। वहीं प्रदेश में कक्षा 11 एवं 12 के ग्रुप में एक भी ट्रांसजेंडर का नामांकन नहीं है।
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ट्रांसजेंडर की पढ़ाई छूटना बड़ी समस्या – किन्नर अखाड़ा महामंडेलेश्वर
किन्नर अखाड़ा महामंडेलेश्वर जयपुर पुष्पा माई ने कहा ट्रांसजेंडर की पढ़ाई छूट जाना वाकई बड़ी समस्या है, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार नहीं आ पाता है। इसे लेकर हमने नेशनल ओपन स्कूल प्रबंधन से भी बात की है। ट्रांसजेंडर बच्चों की छूटी हुई पढ़ाई को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। इसे लेकर फंडिंग के लिए मंत्रालय से भी मिले हैं। राजस्थान में ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड से स्कॉलरशिप का भी प्रबंध है। कुछ नियमों की पैचीदगी है, उसे सरल करने का प्रयास कर रहे हैं।
राजस्थान के पुराने 33 जिलों में 32 जिले ऐसे हैं, जहां पहली से 5वीं तक की कक्षाओं में 451 ट्रांसजेंडर विद्यार्थी पढाई कर रहे हैं। वहीं, कक्षा 6 से 8 तक में ट्रांसजेंडर के नामांकन में भारी कमी देखी गई। इन कक्षाओं में प्रदेश के 13 जिलों में महज 32 ट्रांसजेंडर विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।
जिला
प्राइमरी
अपर प्राइमरी
अजमेर
11
01
अलवर
14
01
बांसवाड़ा
26
01
बारां
10
01
बाडमेर
35
03
भरतपुर
10
00
भीलवाड़ा
05
00
बीकानेर
07
00
बूंदी
07
00
चित्तौडगढ़
03
00
चूरू
05
00
दौसा
07
00
धौलपुर
01
00
डूंगरपुर
21
01
श्री गंगानगर
00
00
हनुमानगढ़
06
00
जयपुर
27
04
जैसलमेर
36
00
जालोर
05
00
झालावाड़
02
00
झुंझुनूं
09
00
जोधपुर
15
01
करौली
14
02
कोटा
08
00
नागौर
30
04
पाली
06
01
प्रतापगढ़
18
00
राजसमंद
04
00
सवाईमाधोपुर
19
00
उदयपुर
34
00
सिरोही
02
00
टोंक
25
04
सीकर
29
08
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कक्षा अनुसार ट्रांसजेंडर नामांकन
कक्षा – ग्रुप – ट्रांसजेंडर विद्यार्थी
कक्षा – 1 से 5 – 451 कक्षा – 6 से 8 – 32 कक्षा – 9 से 10 – 02
जानें, ट्रांसजेंडर की शिक्षा पर खर्च का यह प्रावधान
1- वित्तीय वर्ष 2021-22 की बजट घोषणा में ट्रांसजेंडर उत्थान कोष दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। ऐसे में प्रारम्भिक से उच्च, तकनीकी शिक्षा के लिए पूर्व मैट्रिक छात्रों को 225 रुपए प्रति माह, उत्तर मैट्रिक छात्रों के लिए 1000 रुपए प्रति माह और फीस का पुनर्भरण देय है।