निजी होटलों की राह पर चले तो भरने लगा खजाना
2022 तक पर्यटन निगम के होटलों की हालत खस्ता थी। कई बार बैठकों में यह तय कर लिया गया था, कि होटलों को बंद कर लीज पर दे दिया जाए और पुरानी संपत्तियों को भी बेचा जाए। लेकिन, निगम अफसरों ने निजी होटलों की राह पर चलना शुरू किया। खर्चों में कटौती कर निगम ने दस करोड़ रुपए होटलों की दशा सुधारने पर खर्च किए।
होटलों से मिले 37 करोड़,गणगौर ने ही कमाए 15 करोड़
निगम अधिकारियों के अनुसार निगम की होटलें अब कमाई की राह पर है और होटलों से नवंबर तक 37 करोड़ रुपए का राजस्व मिला। ऐसे में 15 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई जयपुर की गणगौर होटल से हुई है। इसके अलावा अलवर, सवाई माधोपुर, पुष्कर स्थित होटलें भी मोटी कमाई कर रही हैं।
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पैलेस ऑन व्हील्स: मिलेंगे 10 करोड़
कोरोना काल में शाही ट्रेन पैलेस ऑन व्हील्स के पहिए थम गए थे। ट्रेन अब ठेके पर चल रही है और निगम का खजाना भी भर रही है। टेंडर की शर्तों के अनुसार निगम के खाते में प्रति फेरा 3 से 4 करोड़ आ रहे हैं। ट्रेन से 10 करोड़ का राजस्व निगम को मिलेगा।
खर्चों में कटौती और निजी होटलों की तर्ज पर प्रबंधन से निगम की होटलें घाटे से निकल गई और कमाई की राह पर हैं। मार्च तक 100 करोड़ का कारोबार होने की उम्मीद है।
-विजय पाल सिंह, एमडी पर्यटन निगम