तीन साल में माइनिंग सेक्टर में तेजी से काम
खान मंत्री भाया ने कहा कि पिछले साढ़े तीन साल में प्रदेश में माइनिंग सेक्टर में तेजी से काम हुआ है और खनिज खोज, नए प्रधान और अप्रधान खनिजों के प्लॉट विकसित कर नीलामी करने से लेकर राजस्व अर्जन तक उपलब्धियों का कीर्तिमान बनाया गया है। उन्होंने पूर्व सरकार के साढ़े तीन साल के कार्यकाल से वर्तमान सरकार के साढ़े तीन साल की तुलना करते हुए बताया कि अप्रधान खनिज के पूर्व सरकार के 566 की तुलना में 1500 ब्लॉक व प्रधान खनिज के 3 ब्लॉकों की तुलना में 13 ब्लॉक तैयार कर नीलाम किए हैं। इसी तरह से पूर्व सरकार के 13,959 करोड़ रुपए के राजस्व की तुलना में 19,686 करोड़ रुपए का रिकार्ड राजस्व अर्जित किया गया है। अवैध खनन की चर्चा करते हुए कहा कि पूर्व सरकार के 17,056 प्रकरणों की तुलना मेें 40,831 प्रकरण दर्ज करने, 2530 की तुलना में 3698 एफआईआर दर्ज कराने, 14,056 की तुलना में अवैध खनिज परिवहन करते 39,290 वाहन जब्त करने, 632 की तुलना में 1387 बड़ी मशीनों की जब्ती की कार्यवाही की है। वैध खनन को बढ़ावा देने के लिए योजनावद्ध प्रयास किए गए हैं ताकि अवैध खनन को रोका जा सके। मुख्यमंत्री के प्रयासों से ही लंबी प्रक्रिया व प्रयासों से बंशीपहाड़पुर के सेंड स्टोन का वैध खनन आरंभ हो सका है। बजरी की समस्या के हल के लिए सर्वोच्च न्यायालय व सीईसी के समक्ष प्रभावी तरीके से राजस्थान का प़क्ष रखने से ही लीजं शुरु हो सकी है।
खान मंत्री भाया ने कहा कि पिछले साढ़े तीन साल में प्रदेश में माइनिंग सेक्टर में तेजी से काम हुआ है और खनिज खोज, नए प्रधान और अप्रधान खनिजों के प्लॉट विकसित कर नीलामी करने से लेकर राजस्व अर्जन तक उपलब्धियों का कीर्तिमान बनाया गया है। उन्होंने पूर्व सरकार के साढ़े तीन साल के कार्यकाल से वर्तमान सरकार के साढ़े तीन साल की तुलना करते हुए बताया कि अप्रधान खनिज के पूर्व सरकार के 566 की तुलना में 1500 ब्लॉक व प्रधान खनिज के 3 ब्लॉकों की तुलना में 13 ब्लॉक तैयार कर नीलाम किए हैं। इसी तरह से पूर्व सरकार के 13,959 करोड़ रुपए के राजस्व की तुलना में 19,686 करोड़ रुपए का रिकार्ड राजस्व अर्जित किया गया है। अवैध खनन की चर्चा करते हुए कहा कि पूर्व सरकार के 17,056 प्रकरणों की तुलना मेें 40,831 प्रकरण दर्ज करने, 2530 की तुलना में 3698 एफआईआर दर्ज कराने, 14,056 की तुलना में अवैध खनिज परिवहन करते 39,290 वाहन जब्त करने, 632 की तुलना में 1387 बड़ी मशीनों की जब्ती की कार्यवाही की है। वैध खनन को बढ़ावा देने के लिए योजनावद्ध प्रयास किए गए हैं ताकि अवैध खनन को रोका जा सके। मुख्यमंत्री के प्रयासों से ही लंबी प्रक्रिया व प्रयासों से बंशीपहाड़पुर के सेंड स्टोन का वैध खनन आरंभ हो सका है। बजरी की समस्या के हल के लिए सर्वोच्च न्यायालय व सीईसी के समक्ष प्रभावी तरीके से राजस्थान का प़क्ष रखने से ही लीजं शुरु हो सकी है।
राजस्थान रिफाइनरी गहलोत का ड्रीम प्रोजेक्ट
राजस्थान रिफाइनरी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ड्रीम प्रोजेक्ट है और अब इसमें तेजी से काम करतेे हुए 2024 तक राजस्थान रिफाइनरी का काम पूरा कर प्रदेश में नया इतिहास रचा जा रहा है। उन्होंने प्रदेश में खनिज, ऑयल और गैस सेक्टर में अधिक से अधिक निवेश भागीदारी बढ़ाने का आह्वान किया। खनिज खोज कार्य को गति देने के लिए आरएसएमईटी का गठन, बजरी के विकल्प के रुप में एम सेंड नीति लागू कर सरकारी निर्माण कार्य में 25 प्रतिशत एम सेंड के उपयोग, सिलिकोसिस नीति आदि लागू कर कार्यों को गति दी जा रही है। 2023-24 में खत्म होने जा रहे लीज धारकों को राहत देते हुए इन लीजों की अवधि बढ़ाई जा रही है। चार बेसिनों में विभाजित 14 जिलों में प्रचुर मात्रा में ऑयल व गैस की 11 लीज स्वीकृत है, वहीं 15 नए खोज लाइसेंस जारी करने की तैयारी है। ओएनजीसी, फोकस एनर्जी, ऑयल इण्डिया, वेदांता आदि खोज व दोहन कार्य में लगी हुई है। प्रदेश में एक लाख 9 हजार बैरल खनिज तेल का उत्पादन हो रहा है
राजस्थान रिफाइनरी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ड्रीम प्रोजेक्ट है और अब इसमें तेजी से काम करतेे हुए 2024 तक राजस्थान रिफाइनरी का काम पूरा कर प्रदेश में नया इतिहास रचा जा रहा है। उन्होंने प्रदेश में खनिज, ऑयल और गैस सेक्टर में अधिक से अधिक निवेश भागीदारी बढ़ाने का आह्वान किया। खनिज खोज कार्य को गति देने के लिए आरएसएमईटी का गठन, बजरी के विकल्प के रुप में एम सेंड नीति लागू कर सरकारी निर्माण कार्य में 25 प्रतिशत एम सेंड के उपयोग, सिलिकोसिस नीति आदि लागू कर कार्यों को गति दी जा रही है। 2023-24 में खत्म होने जा रहे लीज धारकों को राहत देते हुए इन लीजों की अवधि बढ़ाई जा रही है। चार बेसिनों में विभाजित 14 जिलों में प्रचुर मात्रा में ऑयल व गैस की 11 लीज स्वीकृत है, वहीं 15 नए खोज लाइसेंस जारी करने की तैयारी है। ओएनजीसी, फोकस एनर्जी, ऑयल इण्डिया, वेदांता आदि खोज व दोहन कार्य में लगी हुई है। प्रदेश में एक लाख 9 हजार बैरल खनिज तेल का उत्पादन हो रहा है
कृषि के बाद सबसे अधिक रोजगार प्रदाता
राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि कृषि के बाद प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से सबसे अधिक रोजगार माइनिंग सेक्टर उपलब्ध कराता है। प्रदेश में माइनिंगसेक्टर में ऑनलाइन व्यवस्था करने से पारदर्शिता आने के साथ ही लोगों का विश्वास बढ़ा है। उन्होंने पर्यावरण का ध्यान रखते हुए वैज्ञानिक पद्धति से खनिज दोहन पर बल दिया।
राजस्व मंत्री जाट ने कहा कि माइनिंग सेक्टर में ओवरवर्डन की बड़ी समस्या है। ओवरवर्डन के निस्तारण के लिए भी ईसी का प्रावधान है। इस समस्या का ठोस समाधान खोजना होगा। उन्हांने राजस्व विभाग से हर संभव सहयोग का विश्वास दिलाया।
राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि कृषि के बाद प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से सबसे अधिक रोजगार माइनिंग सेक्टर उपलब्ध कराता है। प्रदेश में माइनिंगसेक्टर में ऑनलाइन व्यवस्था करने से पारदर्शिता आने के साथ ही लोगों का विश्वास बढ़ा है। उन्होंने पर्यावरण का ध्यान रखते हुए वैज्ञानिक पद्धति से खनिज दोहन पर बल दिया।
राजस्व मंत्री जाट ने कहा कि माइनिंग सेक्टर में ओवरवर्डन की बड़ी समस्या है। ओवरवर्डन के निस्तारण के लिए भी ईसी का प्रावधान है। इस समस्या का ठोस समाधान खोजना होगा। उन्हांने राजस्व विभाग से हर संभव सहयोग का विश्वास दिलाया।
राजस्थान यूनिक प्रदेश बना
एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि खनिज भण्डार की दृष्टि से राजस्थान यूनिक प्रदेश बन गया है। लेड, जिंक, बोलेस्टाइन, कॉपर, यूरेनियम, पोटाश, लाइमस्टोन, आयरन ऑर, मेगनीज, गारनेट, जिप्सम, मार्बल, सेंड स्टोन आदि के विपुर भण्डार है। यूरेनियम खोज के साथ ही राजस्थान विश्वपटल पर आ गया है, प्रचुर मात्रा में पोटाश के भण्डार मिले हैं लाइम स्टोन के हमारे ब्लॉक देश में सर्वाधिक 192 फीसदी से भी अधिक में ऑक्शन हो रहे हैं, आयरन ऑर के जयपुर जिले के बागावास ब्लॉक की नीलामी देश में सर्वाधिक 452 प्रतिशत प्रीमियम पर हुई है। ऑयल और गैस के कारण पश्चिम राजस्थान में रिव्यूलेशन आ गया है। राज्य में बाड़मेर की परकेपिटा इंकम सबसे अधिक हो गई है। राजस्थान रिफाइनरी प्रदेश में विकास की नई इबारत लिख रही है।
एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि खनिज भण्डार की दृष्टि से राजस्थान यूनिक प्रदेश बन गया है। लेड, जिंक, बोलेस्टाइन, कॉपर, यूरेनियम, पोटाश, लाइमस्टोन, आयरन ऑर, मेगनीज, गारनेट, जिप्सम, मार्बल, सेंड स्टोन आदि के विपुर भण्डार है। यूरेनियम खोज के साथ ही राजस्थान विश्वपटल पर आ गया है, प्रचुर मात्रा में पोटाश के भण्डार मिले हैं लाइम स्टोन के हमारे ब्लॉक देश में सर्वाधिक 192 फीसदी से भी अधिक में ऑक्शन हो रहे हैं, आयरन ऑर के जयपुर जिले के बागावास ब्लॉक की नीलामी देश में सर्वाधिक 452 प्रतिशत प्रीमियम पर हुई है। ऑयल और गैस के कारण पश्चिम राजस्थान में रिव्यूलेशन आ गया है। राज्य में बाड़मेर की परकेपिटा इंकम सबसे अधिक हो गई है। राजस्थान रिफाइनरी प्रदेश में विकास की नई इबारत लिख रही है।