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Rajasthan News : अगले 100 सालों में राजस्थान से गायब हो जाएगा थार रेगिस्तान! बदल जाएगी पूरी तस्वीर, वैज्ञानिकों ने की हैरान करने वाली भविष्यवाणी

अध्ययन में वैज्ञानिकों ने आगे कहा है कि भारतीय मॉनसून के पूर्व की ओर खिसकने से पश्चिम और उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में सूखा पड़ा और धीरे-धीरे यह इलाका रेगिस्तान में तबदील हो गया, जबकि हजारों वर्ष पूर्व यहां सिंधु घाटी सभ्यता मौजूद थी और तब यहां भरपूर बारिश होती थी।

जयपुरMay 22, 2024 / 12:00 pm

जमील खान

Thar Desert : भारत सहित दुनियाभर में तेजी से हो रहे विकास का असर जलवायु परिवर्तन पर भी पड़ रहा है। वैज्ञानिक समय-समय पर अपने शोध के जरिए इसका खुलासा करते रहते हैं। अपने खुलासों में वैज्ञानिकों का दावा है कि अगर हम सयम पर नहीं चेते तो पर्यावरण पर इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा जो हमारे लिए अच्छी बात नहीं है, खासकर नई पीढ़ी के लिए। अब, एक नए अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। यह अध्ययन राजस्थान का थार रेगिस्तान सहित दुनियाभर के रेगिस्तानों को लेकर किया गया है।
इस अध्ययन में कहा गया है कि राजस्थान का थार रेगिस्तान, जो अपने शुष्क विस्तार के लिए जाना जाता है, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के कारण एक परिवर्तनकारी बदलाव से गुजर सकता है। जबकि दुनिया भर में कई रेगिस्तानों का बढ़ते तापमान के साथ विस्तार होने की भविष्यवाणी की गई है, जबकि थार रेगिस्तान में इसके उलट असर देख्नने को मिल सकता है। यहां हरियाली देखने को मिल सकती है। थार दुनिया का 18वां सबसे बड़ा रेगिस्तान और दुनिया का 9वां सबसे बड़ा गर्म उपोष्णकटिबंधीय रेगिस्तान है। यह राजस्थान से पाकिस्तान के सिंध तक करीब 2 लाख वर्ग कि लोमीटर में फैला हुआ है। यह अध्ययन 2023 में अर्थ फ्यूचर जर्नल (Earth’s Future Journal) में प्रकाशित हुआ है।
अध्ययन में वैज्ञानिकों ने थार रेगिस्तान को लेकर भविष्यवाणी की है कि इस सदी के अंत से पहले रेगिस्तान गायब हो जाएगा, यानी हरा-भरा हो जाएगा। वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में अनुमान लगाया है कि वर्ष 2050 तक सहारा रेगिस्तान का सालाना आकार 6 हजार कि लोमीटर से अधिक बढ़ सकता है। वहीं, थार रेगिस्तान में औसत वर्षा 1901 और 2015 के बीच 10-15 फीसदी की वृद्धि हुई है। वैज्ञानिकों का दावा है कि ग्रीनहाउस गैस के प्रभावों को देखते हुए आने वाले समय में यहां बारिश में 50 से 200 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है।
अध्ययन में वैज्ञानिकों ने आगे कहा है कि भारतीय मॉनसून के पूर्व की ओर खिसकने से पश्चिम और उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में सूखा पड़ा और धीरे-धीरे यह इलाका रेगिस्तान में तबदील हो गया, जबकि हजारों वर्ष पूर्व यहां सिंधु घाटी सभ्यता मौजूद थी और तब यहां भरपूर बारिश होती थी। शोधकर्ताओं का मानना है कि इस प्रवृत्ति बदलाव से, वर्तमान भारतीय मानसून के पश्चिम की ओर विस्तार के साथ, भारत के पश्चिम और उत्तर-पश्चिम क्षेत्रों को मूल रूप से आद्र्र “मानसून” जलवायु में बदल सकता है। यह परिवर्तन, बदले में, देश की बढ़ती आबादी के लिए खाद्य सुरक्षा को बढ़ा सकता है।
दुनिया का 18वाां सबसे बड़ा रेगिस्तान
थार रेगिस्तान को ग्रेट इंडियन डेजर्ट भी कहा जाता है। यह भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी भाग में एक शुष्क क्षेत्र है जो भारत और पाकिस्तान में 200,000 किमी क्षेत्र को कवर क रता है। थार रेगिस्तान का करीब 85 हिस्सा भारत में, जबकि 15 फीसदी हिस्साा पाकिस्तान में है। थार रेगिस्तान भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 4.56 फीसदी है। 60 फीसदी से अधिक रेगिस्तान भारतीय राज्य राजस्थान में स्थित है। इसका कुछ हिस्सा गुजरात, पंजाब और हरियाणा तक भी फैला हुआ है।

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