इसके बाद अस्पताल की इमरजेंसी व्यवस्था तीन हिस्सों में विभाजित हो जाएगी। मुख्य इमरजेंसी के अलावा ट्रोमा और दुर्घटना इमरजेंसी के लिए ट्रोमा अस्पताल पहले से ही संचालित हैं।
साइनेज व्यवस्था व प्रचार होगा महत्त्वपूर्ण
सवाईमानसिंह अस्पताल में प्रदेश के हर जिले से गंभीर मरीज लाए जाते हैं या रैफर किए जाते हैं। कुछ समय बाद यहां की इमरजेंसी व्यवस्था तीन हिस्सों में होगी तो मरीजों का सीधे सही जगह पहुंचना सबसे बड़ी चुनौती होगी। दरअसल, गंभीर मरीजों के लिए गोल्डन आवर में इलाज शुरू होना सबसे महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में नई व्यवस्था के लिए अस्पताल के चारों तरफ बड़े साइनेज और प्रचार- प्रसार महत्त्वपूर्ण होगा। मुख्य इमरजेंसी का विस्तार करने के लिए 12.5 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं। कार्डियक टावर शुरू होने के बाद कार्डियक इमरजेंसी के केस भी सीधे टावर की इमरजेंसी में ही जाएंगे। हमारा प्रयास है कि इसी वर्ष यह टावर शुरू हो जाए। – डॉ. दीपक माहेश्वरी, प्राचार्य एवं नियंत्रक, सवाईमानसिंह मेडिकल कॉलेज