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Rajasthan : नए जिले-संभागों पर नया अपडेट, आईएएस रामलुभाया ने दिया बड़ा बयान

Rajasthan New Districts and Divisions Big Update : राजस्थान में छह माह पूर्व बने नए जिले व संभाग के बारे में नया अपडेट आया है। नए जिलों व संभागों के लिए रूपरेखा तैयार करने वाले पूर्व आईएएस रामलुभाया ने दिया बड़ा बयान।

जयपुरJan 24, 2024 / 12:10 pm

Sanjay Kumar Srivastava

Rajasthan CM BhajanLal Sharma

राजस्थान में पिछले साल बजट में घोषित नए जिलों को लेकर सियासत समाप्त नहीं हुई है। नए जिले व संभाग अभी तक कार्यालयों के लिए जमीनों का आवंटन और स्टाफ की वैकल्पिक व्यवस्था तक सीमित हैं। इनको जिले व संभाग बनने के साढ़े छह माह बाद भी अलग पहचान नहीं मिल पाई है और नई सरकार ने तो इनके भविष्य पर कुछ स्पष्ट भी नहीं किया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हाल ही अयोध्या से संभाग मुख्यालयों को जोड़ने की घोषणा की लेकिन इनमें 3 नए संभाग शामिल करना भूल गए। नए संभागीय आयुक्त कार्यालय व नए कलक्ट्रेट कार्यालय को अपना भवन नहीं मिल पाया।
हालांकि राज्य सरकार ने नए जिलों के लिए बजट का प्रावधान पिछले साल मार्च में कर दिया और अगस्त के पहले सप्ताह में 17 नए जिलों व तीन नए संभागों की अधिसूचना जारी कर दी गई। इसके बाद नए जिलों व संभागों में पदों का सृजन कर स्टाफ की वैकल्पिक व्यवस्था कर दी गई और आइएएस-आइपीएस अधिकारी अलग से लगा दिए गए।

इससे पहचान पर बना संकट

विधानसभा चुनाव 2023 के लिए चुनाव आयोग ने नए जिलों में स्टाफ की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने का तर्क देकर नए जिलों को अलग से निर्वाचन जिले बनाने से इनकार कर दिया। अब लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग इन जिलों को अलग पहचान नहीं दे रहा है। हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग ने आचार संहिता खत्म होने के तत्काल बाद ही नए जिलों में जिला निर्वाचन अधिकारी घोषित कर दिए।

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नई सरकार ने नए जिलों में भर्ती प्रक्रिया नहीं शुरू की

उधर, सरकार ने भी नए जिलों में पदों को भरने के लिए कोई भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की है। नए जिलों व संभागों के मुख्यालय भवनों के निर्माण के लिए कोई डेडलाइन भी तय नहीं है।

यह बोले रामलुभाया

नए जिलों व संभागों के लिए रूपरेखा तैयार करने वाले पूर्व आईएएस रामलुभाया ने कहा कि नए जिलों व संभागों को अलग से स्वरूप लेने में तो पांच साल तक लगेंगे, लेकिन स्टाफ की व्यवस्था सबसे पहले हो और अन्य कार्यों के लिए समयसीमा तय हो।

आईएएस रामलुभाया ने सवालों का बेबाक दिया जवाब

सवाल – नए जिलों में काम की रफ्तार बढ़ाने को क्या किया जाए?

जवाब – नए जिलों की अलग से पहचान बनने में पांच साल लग जाते हैंए पहले भी जिलों को स्वरूप लेने में समय लगा था।

सवाल – नए जिलों के लिए क्या प्राथमिकता रहनी चाहिए?
जवाब – स्टाफ व भवन की समस्या रहती है। सबसे ज्यादा जरूरत स्टाफ की रहती है। इस कार्य के लिए मुख्य सचिव की कमेटी बनी हुई है। संसाधनों के लिए समयसीमा तय कर स्टाफ व अधिकारी प्राथमिकता से दिए जाएं। स्टाफ व अधिकारी की व्यवस्था के साथ ही 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो जाएगाए फिर भवन आदि का 20 प्रतिशत काम ही शेष रहेगा। जनता को लाभ दिलाने के लिए स्टाफ सबसे ज्यादा जरूरी है।

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