नवगठित पंवार समिति 19 जिलों व तीन संभागों को लेकर समीक्षा के लिए उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा के नेतृत्व में गठित मंत्रिमंडलीय उप समिति को रिपोर्ट सौंपेगी। पूर्ववर्ती सरकार ने पिछले साल जयपुर और जोधपुर जिलों के विभाजन सहित कुल 19 जिलों का गठन किया था, जिससे प्रदेश में जिलों की कुल संख्या 50 हो गई थी। इसके अलावा तीन और नए जिलों के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी थी, जिस पर मौजूदा राज्य सरकार ने विधानसभा में जवाब दिया कि रामलुभाया समिति को भंग कर दिए जाने के कारण 3 प्रक्रियाधीन जिलों पर आगे कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
इन जिलों पर मंडराया खतरा
सूत्रों की मानें तो राजस्व विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार करीब 12 जिले ऐसे में हैं, जो सीमांकन और आबादी के लिहाज से जिला बनाने के पैमाने पर फिट नहीं बैठ रहे हैं। ऐसे में इन जिलों को रद्द किया जा सकता है। इनमें जयपुर का दूदू, अलवर का खैरथल-तिजारा, भीलवाड़ा का शाहपुरा, जालोर का सांचौर, भरतपुर का डीग, सवाई माधोपुर का गंगापुर सिटी, जयपुर का कोटपूतली-बहरोड़, उदयपुर का सलूम्बर, सीकर का नीमकाथाना, अजमेर का केकड़ी, बीकानेर का अनूपगढ़ और जोधपुर का फलोदी शहर शामिल है।पिछले साल बनाए गए थे ये नए जिले
राजस्थान में पहले 33 जिले थे। लेकिन, पिछले साल पहले 19 नए जिले बनाए गए थे। खास बात ये रही थी कि जयपुर और जोधपुर को दो भागों में बांटा गया था। इस कारण अब कुल जिलों की संख्या 50 है। पिछले साल अनूपगढ़, बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, दूदू, फलौदी, गंगापुर सिटी, जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर शहर, जोधपुर ग्रामीण, केकड़ी, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, नीमकाथाना, सलूम्बर, सांचौर, शाहपुरा (भीलवाड़ा) को नया जिला बनाया गया था।![Rajasthan New District Latest News](https://cms.patrika.com/wp-content/uploads/2024/06/Rajasthan-New-District-Latest-News.jpg)