किरोड़ी लाल मीणा के घर पहुंचे कांग्रेस के सांसद-विधायक, किसकी बढ़ेंगी मुश्किलें
गत वर्ष की तुलना में अब तक 70 जान अधिक गई
राजस्थान में गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष पानी में डूबने और आपदा में अधिक जान गई । गत वर्ष 187 लोगों की मौत हुई थी, वहीं इस वर्ष 17 सितम्बर तक 257 लोगों की जान चली गई। सतर्क और सावधान होने की बजाय गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 70 लोग अधिक मौत का शिकार हुए। इन लोगों के परिवार को गहरा सदमा तो लगा है, जबकि इन स्थानों पर ऐसा हादसा न हो, इसके लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।तैरना नहीं आता है तो पानी में नहीं जाएं- SDRF
एसडीआरएफ के कमाण्डेंट राजेन्द्र सिंह सिसोदिया का कहना है कि, जलभराव वाले स्थानों पर चेतावनी बोर्ड लगाएं बारिश में प्रशासन को जलभराव वाले स्थानों पर चेतावनी बोर्ड लगाने चाहिएं। परिजन भी खासतौर पर बच्चों का ध्यान रखें और युवाओं को सावधान करें, तैरना नहीं जानने वालों को पानी से दूर रहने की नसीहत दें। जिन्हें तैरना नहीं आता है तो पानी में नहीं जाएं। एसडीआरएफ ने इस वर्ष 323 रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए, जिनमें 645 लोगों की जान बचाई। इस दौरान 257 लोगों की मौत भी हुई। इनमें इस बार मानसून के बाद 207 लोगों की मौत हो गई।ओला परिवार के गढ़ में बन रहे नए समीकरण, राजेन्द्र गुढ़ा ने बढ़ाई BJP-कांग्रेस की टेंशन
टॉप टेन जिले, जिनमें अधिक मौत हुई
जयपुर- 18भरतपुर- 13
राजसमंद- 12
भीलवाड़ा- 11
झालावाड़- 11
बीकानेर- 08
टोंक- 08
स. माधोपुर- 08
बांरा- 07
धोलपुर- 07