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RTE Admission 2024 : निजी स्कूलों के नए फार्मूले के आगे अभिभावक बेबस, 15 हजार RTE बच्चों के प्रवेश अटके, जानें कैसे

RTE NEWS : नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम (आरटीई) में चयनित बच्चों के प्रवेश रोकने के लिए स्कूलों ने एक नया रास्ता निकाल है। इस वजह से करीब 15 हजार RTE बच्चों का प्रवेश अटक गया है। जानें कैसे?

जयपुरJul 20, 2024 / 04:52 pm

Sanjay Kumar Srivastava

RTE : निजी स्कूलों के नए फार्मूले के आगे अभिभावक बेबस, 15 हजार RTE बच्चों के प्रवेश अटके, जानें कैसे

RTE NEWS : नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम (आरटीई) में चयनित बच्चों के प्रवेश रोकने के लिए स्कूलों ने एक नया रास्ता निकाल है। स्कूल गैर आरटीई बच्चों की पोर्टल पर एंट्री नहीं कर रहे हैं। ऐसे में गैर आरटीई बच्चों की एंट्री नहीं होने से उस स्कूलों में नर्सरी कक्षा में आरटीई के बच्चों का प्रवेश अटक गया है। परेशान अभिभावक स्कूलों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन स्कूल प्रबंधन उन्हें टरका रहे हैं। परेशान अभिभावकों ने शिक्षा अधिकारी से गुहार लगाई है। दरअसल, शिक्षा विभाग ने बच्चों का चयन तो कर लिया। लेकिन उन बच्चों का प्रवेश स्कूलों में हुआ या नहीं। इसकी जमीनी हकीकत नहीं जानी। विभाग सिर्फ आदेश निकालकर खानापूर्ति कर रहा है।

क्या है मामला

राजस्थान भर में शिक्षा विभाग ने करीब 70 हजार बच्चों का आरटीई में चयन कर सूची स्कूलों में भेजी है। आरटीई अधिनियम के तहत स्कूल की एक कक्षा में पढ़ने वाले की 25 फीसदी सीट आरटीई के बच्चों की होगी। यानी तीन गैर आरटीई के बच्चों पर एक आरटीई बच्चे का प्रवेश होगा। इसके लिए स्कूलों को आरटीई पोर्टल पर एंट्री करनी होगी। जब तक स्कूल पोर्टल पर गैर आरटीई बच्चों की एंट्री नहीं करेंगे तब तक आरटीई बच्चों का प्रवेश नहीं होगा। इन्हीं बच्चों को रोकने के लिए स्कूलों ने एक खेल शुरू कर दिया। 25 जुलाई को प्रवेश का पहला राउंड हैं, ऐसे में स्कूलों ने पोर्टल पर एंट्री बंद कर रखी है। इससे आरटीई के बच्चे बाहर हो जाएंगे।
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समस्या है तो हमें शिकायत करे – जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक

जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक जयपुर सुनील सिंघल ने कहा किसी भी अभिभावकों को अगर समस्या है तो हमें शिकायत कर सकता है। स्कूल के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

ताकि आरटीई के प्रवेश नहीं हो सके – राजेन्द्र शर्मा हंस

पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी जयपुर राजेन्द्र शर्मा हंस ने कहा कि निजी स्कूल समय ले रहे हैं ताकि प्रवेश की तारीख निकलने के बाद आरटीई के प्रवेश नहीं हो सके। सरकार को निजी स्कूलों पर शिकंजा कसना होगा। विभाग को एक्ट की पालना करानी चाहिए।

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क्या है विवाद ………

शिक्षा विभाग ने 2023-24 में प्री-प्राइमरी कक्षाओं और प्रथम कक्षा में आरटीई के तहत प्रवेश लिए, लेकिन आरटीई का भुगतान प्रथम कक्षा में ही देने का फैसला लिया। इसका निजी स्कूलों ने विरोध किया। शिक्षा विभाग की चेतावनी के बीच निजी स्कूलों ने प्रवेश दे दिया। स्कूल अब भुगतान की मांग कर रहे हैं। नए सत्र में शिक्षा विभाग ने पी3 यानी नर्सरी में आरटीई के तहत प्रवेश के लिए बच्चों का चयन कर लिया। प्री प्राइमरी कक्षा का भुगतान नहीं मिलने से स्कूल प्रवेश नहीं दे रहे।
इन दो केसों से समझे पीड़ा

1- मानसरोवर राकेश कुमार के बेटे का प्रवेश यहां रिद्धि-सिद्धि मोड़ शिप्रा पथ स्थित एक निजी स्कूल में हुुआ है, लेकिन स्कूल प्रवेश में आनाकानी कर रहा है। स्कूल ने गैर आरटीई के बच्चों की पोर्टल पर एंट्री नहीं की। इससे आरटीई के बच्चों का प्रवेश अटक गया है।
2- वैशाली नगर पवन गर्ग की बेटी का चयन नर्सरी कक्षा में आरटीई के तहत हुआ है। यहां एक निजी स्कूल ने भी आरटीई पोर्टल पर गैर आरटीई बच्चों की एंट्री रोक ली है। इससे गर्ग की बेटी का प्रवेश अटक गया है। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक को शिकायत दी है।
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