मौसम विभाग जयपुर केंद्र के मुताबिक मध्यप्रदेश के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र कमजोर होकर साइक्लोनिक सर्कुलेशन में परिवर्तित हो चुका है और वर्तमान में दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान क्षेत्र के ऊपर अवस्थित है। इससे पूरी तरह से मेघ मेहरबान होंगे।
इसके अलावा एक और नया कम दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी में बनने की संभावना है। इससे पूर्वी राजस्थान के अधिकांश भागों में आगामी चार से पांच दिन मानसून सक्रिय (Rajasthan Monsoon) रहने और कहीं-कहीं भारी बारिश की गतिविधियां जारी रहने की प्रबल संभावना हैं।
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यहां जमकर बरसे मेघ
बीते 24 घंटे में पश्चिमी राजस्थान में कुछ स्थानों पर तथा पूर्वी राजस्थान में अनेक स्थानों पर मेघगर्जन के साथ वर्षा दर्ज की गई है। भीलवाड़ा जिले में कहीं कहीं भारी वर्षा दर्ज की गई है। सबसे ज्यादा बारिश भीलवाड़ा के शाहपुरा में 105 एमएम और जालौर के बागोड़ा में 55 एमएम बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा जयपुर में 12.3, अजमेर में 48.3, सीकर में 25, चित्तौड़गढ़ में 37, डूंगरपुर में 9.5, फतेहपुर में 33, माउंटआबू में 27, खंडेला में 46, श्रीमाधोपुर में 38 एमएम बारिश दर्ज की गई। घाटोल कस्बे में दोपहर में अचानक बदले मौसम ने आसपास का क्षेत्र पूरी तरह से जलमग्न हो गया।
हाड़ौती अंचल में शुक्रवार को मानसून सक्रिय रहा। झमाझम बारिश से सड़कों पर पानी बह निकला। झालावाड़ जिले में कई जगह अच्छी बारिश हुई। बूंदी शहर में सुबह झमाझम बारिश होने से शहर पानी-पानी हो गया। अजमेर में डेढ़ घंटे में 71 मिलीमीटर (पौने तीन इंच) बारिश से शहर के अधिकांश रिहायशी इलाके, खेत-खलिहान जलमग्न हो गए। इससे जनजीवन पर जबरदस्त असर पड़ा। तीन लोगों को बहने से बचाया गया। एसडीआरएफ, जिला प्रशासन, नगर निगम और एडीए की टीमों ने जल भराव क्षेत्रों में मोर्चा संभाला।
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