सूत्रों के मुताबिक विधानसभा बजट सत्र ( rajasthan assembly budget session ) के चलते तबादलों को लेकर मंत्री किसी भी बवाल में नहीं फंसने के चलते तबादलों को लेकर अर्जियां जरूर ले रहे थे, लेकिन सूची जारी करने को लेकर प्रक्रिया रोक रखी थी। लगभग सभी मंत्रियों का मानना था कि बजट सत्र के दौरान तबादले होने से विभागों में विधानसभा के सवालों के जवाब सहित अन्य पक्रिया में बाधा आने के साथ ही विधायक भी उनके कहे अनुसार तबादले नहीं होने या फिर पसंद के अधिकारी के हटाए जाने को लेकर सदन में बलाव मचा सकते हैं। ऐसे में तबादलों को लेकर सभी मंत्रियों ने अघोषित रोक लगा कर रखी। हालांकि तबादलों की सूचियों की तैयारी लेकर काम चलता रहा।
प्रदेश में शिक्षा, चिकित्सा, ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज, परिवहन, खान, राजस्व, पीएचईडी, विद्युत और पुलिस सहित लगभग सभी विभागों में तबादलों की तैयारी को लेकर प्रक्रिया तेजी से चल रही है। खास बात यह है कि अब राज्य में तीन माह बाद स्थानीय निकायों के चुनाव होने हैं। ऐसे में सभी मंत्री, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि अपनी पंसद के कार्मिक नियुक्त कराना चाहते हैं। इसको लेकर शहरी क्षेत्रों में नियुक्ति को लेकर विशेष रूप से देखा जा रहा है।
पहले दो माह ही मिला समय
दिसंबर 2018 में राज्य में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद पहले मंत्रिमंडल के गठन और विभागों के बंटवारे में समय निकल गया। ऐसे में जनवरी और फरवरी ही तबादलों को लेकर मंत्रियों को मिले। मार्च के पहले सप्ताह में लोकसभा चुनाव आचार संहिता लग गई। आचार संहिता को देखते हुए राज्य में बड़ी तादाद में जल्दबाजी में तबादले किए गए। लेकिन कुछ महकमे ऐसे थे, जिनमें तबादले कम हुए। ऐसे में माना जा रहा था कि चुनाव आचार संहिता हटते ही तबादले फिर होंगे। लेकिन राज्य सरकार के बजट सत्र की तैयारी में जुटने से तबादल नहीं किए जा सके।
दिसंबर 2018 में राज्य में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद पहले मंत्रिमंडल के गठन और विभागों के बंटवारे में समय निकल गया। ऐसे में जनवरी और फरवरी ही तबादलों को लेकर मंत्रियों को मिले। मार्च के पहले सप्ताह में लोकसभा चुनाव आचार संहिता लग गई। आचार संहिता को देखते हुए राज्य में बड़ी तादाद में जल्दबाजी में तबादले किए गए। लेकिन कुछ महकमे ऐसे थे, जिनमें तबादले कम हुए। ऐसे में माना जा रहा था कि चुनाव आचार संहिता हटते ही तबादले फिर होंगे। लेकिन राज्य सरकार के बजट सत्र की तैयारी में जुटने से तबादल नहीं किए जा सके।