बताया जा रहा है कि जल्द ही सरकार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर सकती है। इस संबंध में हाल ही में सचिवालय सहायक कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री
भजनलाल शर्मा को ज्ञापन सौंपा था। भर्ती का करीब 35 साल से इंतजार हो रहा है। आखिरी बार वर्ष 1989 में भर्ती हुई थी। इसके बाद अनुकंपा नियुक्ति को छोड़ कभी भी नियमित भर्ती नहीं हो पाई। सहायक कर्मचारियों की कमी के चलते विभागों में निचले स्तर पर कामकाज भी प्रभावित हो रहे हैं। होमगार्ड और अन्य कार्मिकों से काम लिया जा रहा है। हर माह सचिवालय में चार से पांच कार्मिक सेवानिवृत्त हो रहे हैं, इससे अन्य कार्मिकों पर काम का बोझ बढ़ रहा है।
कभी 85 हजार थे अब 15 हजार बचे
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि साल 1990 में प्रदेश के सभी विभागों में करीब 85 हजार से ज्यादा सहायक (चतुर्थ श्रेणी) कर्मचारी थे, लेकिन अब इनकी संख्या घटकर 15 हजार ही रह गई है। इनमें भी जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हो जाते हैं उनके स्थान पर अन्य भर्ती नहीं हो पाती है। शासन सचिवालय में भी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के कुल 813 पद सृजित हैं, इनमें अब केवल 237 ही बचे हैं।
इनका कहना
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को ज्ञापन दिया है, जल्द भर्ती का आश्वासन मिला है। – नरपत सिंह, अध्यक्ष सचिवालय सहायक कर्मचारी संघ