यह भी पढ़े सोने और चांदी में आया भूचाल, दो साल की ऊंचाई पर पहुंचे दाम इन प्रकरणों पर लागू की गई है योजना विभागीय बकाया व ब्याजमाफी योजना अप्रधान खनिजों में खनन पट्टों, क्वारी लाइसेंसों, बजरी के लिए जारी अस्थाई कार्यानुमति के डेडरेंट, अधिशुल्क, अधिक अधिशुल्क, शास्ति, आरसीसी, ईआरसीसी ठेकों की बकाया, परमिट, एसटीपी एवं निर्माण विभाग के ठेकेदारों की बकाया व अन्य विभागीय बकाया के 31 मार्च 2021 तक के प्रकरणों पर लागू की गई है।
यह भी पढ़े कंटेनरों की कमी और बढ़ते किराये से निर्यात प्रभावित, राजस्थान की फैक्ट्रियों में लगा तैयार माल का ढेर जोधपुर सर्कल में सबसे ज्यादा वसूली अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम व जलदाय डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि एमनेस्टी योजना में जोधपुर सर्कल में सर्वाधिक 179 प्रकरणों में 17 करोड़ 60 लाख रुपए जमा हुए हैं और योजना प्रावधानों के अनुसार 44 करोड़ 26 लाख रुपए की मूल व ब्याज राशि की राहत दी गई है। राजसमंद सर्कल में 97 प्रकरणों में 5 करोड़ 73 लाख रुपए जमा हुए है और 6 करोड़ 67 लाख रुपए की मूल व ब्याज में राहत दी गई है। इसी तरह से जयपुर सर्कल में 96 प्रकरणों में 3 करोड़ 13 लाख रुपए जमा हुए है और 9 करोड़ 23 लाख रुपए की मूल व ब्याज में राहत दी गई है। बीकानेर सर्कल में 48 प्रकरणों, भीलवाड़ा सर्कल में 26 प्रकरणों, अजमेर सर्कल में 31 प्रकरणों, भरतपुर सर्कल में 33 प्रकरणों, कोटा सर्कल में 26 प्रकरणों और उदयपुर सर्कल में 29 प्रकरणों में राशि जमा हुई है। इस योजना से राज्य सरकार के वर्षों से बकाया राजस्व की वसूली हो सकेगी। साथ ही इससे वसूली प्रयासों में लगने वाले अनावश्यक समय व धन की बचत होगी और वसूली कार्य में नियोजित मानव संसाधन का प्रोडक्टिव कार्यों में उपयोग किया जा सकेगा।