न्यायाधीश अमित महाजन ने रोहित जोशी के प्रार्थना पत्र पर गुरुवार को यह आदेश दिया। रोहित के खिलाफ दिल्ली के सदर बाजार थाने में वर्ष 2022 में एफआईआर हुई, जिसमें आरोप है कि उसने एक युवती के साथ एक साल से अधिक समय तक दिल्ली, जयपुर और अन्य स्थानों पर कई बार बलात्कार किया।
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प्रार्थना पत्र में रोहित जोशी की ओर से कहा कि जब तक उसकी एफआईआर को चुनौती देने वाली याचिका का निस्तारण नहीं हो तब तक उसके खिलाफ अधीनस्थ न्यायालय में जारी ट्रायल को रोक दिया जाए। रोहित की ओर से एडवोकेट हरिहरन ने कहा कि शिकायतकर्ता व रोहित के बीच सहमति से संबंध बनाए गए, ऐसे में मामला हनीट्रेप का है। शिकायतकर्ता को रोहित के विवाहित होने की जानकारी होने के बावजूद उसने शादी के लिए दवाब डाला। उसने रोहित पर पत्नी से तलाक लेने के लिए भी दवाब बनाया। उधर, शिकायतकर्ता की ओर से एडवोकेट शिवमंगल शर्मा ने कहा कि इस मामले में बलात्कार सहित कई गंभीर आरोप होने के कारण एफआईआर व चार्जशीट को रद्द करने वाली याचिका सुनवाई किए जाने योग्य नहीं है।