गौरतलब है कि किसान फिलहाल केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ पिछले कई महीनों से आंदोलन चलाये हुए हैं। सरकार से जारी गतिरोध के बीच अब किसानों ने आमजन से जुड़े इस मुद्दों को भी पुरज़ोर तरीके से उठाने का फैसला लिया है।
अनूठे अंदाज़ में हार्न बजाकर जताया विरोध
किसानों ने महंगाई के खिलाफ कुछ जगहों पर अनूठे अंदाज़ में भी विरोध जताया। किसान संगठनों ने प्रधानमंत्री की अपील पर थाली बजाने की तर्ज पर वाहनों का करीब 8 मिनट तक हॉर्न बजाकर विरोध जताया। किसानों ने राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों में सड़क किनारे अपने वाहन खड़े कर विरोध जताया।
आसमान छू रही कीमतें, सरकार मूक दर्शक : राजाराम मील
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष राजाराम मील का कहना है कि पेट्रोल-डीज़ल, रसोई गैस और खाद्य सामग्रियों की कीमतें आसामन छू रही हैं, लेकिन केंद्र की सरकार मूक दर्शक बनी बैठी है। इसी बढ़ती महंगाई और सरकार की नीतियों-कार्यशैली का विरोध जताने के लिए किसान विरोध प्रदर्शित करने उतरा है।
पहले कोरोना की मार, अब महंगाई की
वहीं दौसा जिला कलक्ट्रेट के बाहर विरोध प्रदर्शन में किसान नेता हिम्मत सिंह गुर्जर और भारतीय किसान यूनियन युवा मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम सिंह मीणा शामिल हुए। दोनों किसान नेताओं ने एक सुर में कहा कि पेट्रोल, डीज़ल, रसोई गैस और खाद्य सामग्रियों की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिससे आमजन का जीना दूभर हो रहा है। कोरोना संक्रमण की मार से अभी लोग उबार भी नहीं पाए हैं कि अब उन्हें महंगाई से दो-चार होना पड़ रहा है।