एक नजर अशोक गहलोत पर
अब एक नजर अशोक गहलोत के बारे में डालते हैं। अशोक गहलोत का मुख्यमंत्री के रूप में यह तीसरा कार्यकाल था। पर यह कार्यकाल की राह ‘कठिनाईयों’ भरी रही। साल 2020 में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपने कुछ समर्थक विधायकों के साथ अशोक गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावत की थी। पर बाद में मामला कुछ-कुछ राह पर आ गया।
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पर इस बार यह फेल हो गया
बताया जाता है अशोक गहलोत की सफलता का मुख्य श्रेय उनकी जनता पर पकड़ और ‘छत्तीस कौमों’ में उनकी स्वीकार्यता को दिया जाता रहा है। पर इस बार यह फेल हो गया। गहलोत तीन बार -1998-2003, 2008-13 और 2018-23 राजस्थान के मुख्यमंत्री बने। मोहन लाल सुखाड़िया चार बार मुख्यमंत्री रहे। जबकि हरिदेव जोशी और भाजपा के भैरों सिंह शेखावत तीन-तीन बार मुख्यमंत्री बने।
राजस्थान में राजनीति का जादूगर कहे जाते हैं अशोक गहलोत
अशोक गहलोत को राजस्थान में राजनीति का जादूगर और ‘मारवाड़ का गांधी’ कहा जाता है। गहलोत के राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1974 में एनएसयूआई अध्यक्ष के रूप हुई। वे 1979 तक इस पद पर रहे। जोधपुर में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पर वे 1979 से 1982 तक रहे। वह सिर्फ 34 साल की उम्र में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बने। इस पद की जिम्मेदारी उन्होंने तीन बार निभाई। वह जुलाई 2004 से फरवरी 2009 तक एआईसीसी महासचिव रहे।
5 बार जोधपुर से सांसद रहे अशोक गहलोत
अशोक गहलोत पांच बार लोकसभा में जोधपुर का प्रतिनिधित्व किया है। वह 1999 से जोधपुर की सरदारपुरा विधानसभा सीट से लगातार जीते और इस चुनाव में छठी बार यहां से विधायक बने हैं। अशोक गहलोत की पत्नी का नाम सुनीता गहलोत है। इनके एक पुत्र और एक पुत्री है।
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