राजस्थान चुनाव: इस बार प्रत्याशियों की संख्या कम, लेकिन टक्कर दिलचस्प, जयपुर की पांच सीटों पर 88 प्रत्याशी घटे
भाजपा ने इस बार यहां लगातार तीन बार से चुनाव जीत रहे नरपत सिंह राजवी का टिकट काटकर जयपुर के पूर्व राजपरिवार की सदस्य और राजसमंद से सांसद दिया कुमारी को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने एक बार फिर सीताराम अग्रवाल पर भरोसा जताया है। यहां सीधी लड़ाई सीताराम अग्रवाल और दिया कुमारी के बीच ही है। दोनों ही विधानसभा क्षेत्र में अपने-अपने वादे जनता से कर रहे हैं। हालांकि नरपत सिंह राजवी का टिकट कटने के बाद दिया कुमारी को यहां कार्यकर्ताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ा था। इसके बाद नरपत सिंह राजवी की नाराजगी दूर करने के लिए उन्हें चित्तौड़गढ़ से चुनाव मैदान में उतारा गया है। राजवी पहले भी चित्तौड़गढ़ से विधायक रह चुके हैं।
ये क्षेत्र आते हैं विद्याधर नगर में
विद्याधर काफी बड़ा क्षेत्र है। पुराने विद्याधर नगर से शुरू होकर, चौमूं सर्किल, हरमाड़ा, बढ़ पीपली, दादी का फाटक, मुरलीपुरा, निवारू रोड, झोटवाड़ा, और बैनाड़ तक इसका विधानसभा क्षेत्र लगता है।
प्रत्याशियों के तीन वादे:
कांग्रेस
1- क्षेत्र में सैटेलाइट हॉस्पिटल बने
2- पूरे विधानसभा क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे
3- विधानसभा के अंतिम छोर तक परिवहन की सुविधा
भाजपा
1-सैटेलाइट हॉस्पिटल कम ट्रोमा सेंटर की स्थापना
2- विधानसभा क्षेत्र के हर घर में पीने का पानी पहुंचाना
3- क्षेत्र में सरकारी कॉलेजों की स्थापना करवाना
प्रमुख मुद्दे
-चौमूं पुलिया से हरमाड़ा तक जलभराव की समस्या
– बीआरटीएस कॉरिडोर पर सबसे ज्यादा हादसे
-अवैध कॉलोनियां और अवैध निर्माण
– क्षेत्र की कई कॉलोनियों में पेयजल समस्या
2018 में मत मिले
भाजपा-95599
कांग्रेस 64367 वोट
खास बातें
पिछली बार यहां 22 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे
इस बार 13 प्रत्याशी चुनाव में उतरे हैं।
कुल मतदाता: 3,37,565
पांच साल में नए मतदाता 16349
राजस्थान चुनाव 2023: किसी ने नौकरी छोड़ी तो किसी ने संवैधानिक पद, फिर भी नहीं मिला टिकट
स्थानीय लोगों के विचार
सीकर रोड और आसपास के इलाकों में निकासी की समस्या रहती है। बारिश में यहां नदी बन जाती है, जिससे स्थानीय लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है। अब तक जनप्रतिनिधियों का इस ओर ध्यान नहीं गया है।-सुनीता शर्मा, मुरलीपुरा
विद्याधर नगर स्टेडियम में पिछले कई महीनों में सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों की रैलियां होती रही हैं, जिससे स्थानीय लोगों को समस्या झेलनी पड़ती है। इस पर रोक लगनी चाहिए।-महेश माहेश्वरी, सेंट्रल स्पाइन