किरोड़ी लाल मीणा बोले- सीएम गहलोत पेपर लीक मामले में सीबीआई से जांच की बात मान लेते तो ईडी क्यों आती?
साफ पानी और रोजगार बड़ा मुद्दा है। कांग्रेस सरकार की योजनाओं को घर-घर पहुंचाकर मतदाताओं को साधने की तैयारी में है। वहीं, भाजपा पिछले दिनों यहां लगे हिंदू पलायन के पोस्टरों को आधार बनाकर रणनीति बना रही है। क्षेत्र में रामगंज अस्पताल के विकास, अतिक्रमण, यातायात जाम और मुख्य सड़कों पर आवारा पशु जैसे मुद्दे ही हावी हैं।
भाजपा का नया चेहरा, कांग्रेस से रह चुके विधायक
कांग्रेस प्रत्याशी अमीन कागजी सीट से विधायक हैं और तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले 2013 का चुनाव हार गए थे। लेकिन 2018 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी मोहनलाल गुप्ता को हरा जीत हासिल की थी। कागजी के पास पिछले दो चुनाव का अनुभव है। वहीं, भाजपा प्रत्याशी चंद्रमनोहर बटवाडा पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। करीब 20 वर्ष पहले पार्षद रह चुके हैं और समाज के पदाधिकारी रहे हैं।
भाजपा-कांग्रेस के खाते आती रही सीट
यहां कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस के विधायक निर्वाचित होते रहे हैं। हालांकि 1985 से 1993 और 2003 से 2013 तक भाजपा ने लगातार तीन-तीन बार जीत दर्ज की। इस क्षेत्र से राजस्थान के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत भी दो बार वर्ष 1962 और 1967 में विधायक रह चुके हैं। वर्ष 1998 में महेश जोशी और वर्ष 2018 के चुनाव में कांग्रेस के अमीन कागजी ने भाजपा की जीत का क्रम तोड़ा। कागजी मोहनलाल गुप्ता को करीब नौ हजार मतों से हराकर विधायक बने और पहली बार मुस्लिम प्रत्याशी जीता।
राजस्थान चुनाव 2023 : चुनाव में हिंदुत्व के साथ ओबीसी कार्ड भी खेल रही भाजपा-कांग्रेस
मतदाता बोले…
अच्छी शिक्षा और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही समस्याओं के निस्तारण का पुख्ता वादा जो करेगा, उसी प्रत्याशी को वोट देंगे। जाम को लेकर कोई हल निकालना चाहिए। -राकेश कुमार शर्मा, किशनपोल
क्षेत्र में जाम, अतिक्रमण जैसी कई समस्याएं हैं, जिनका समाधान जरूरी है। प्रत्याशी कोई भी हो। वोट उसी को देंगे जो सही मुद्दों पर चुनाव लड़ेगा। -आबिद हुसैन, व्यवसायी, निवासी, किशनपोल